प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस ने आज स्वीकार किया कि कुछ उपयोगकर्ताओं को लगातार आयकर दाखिल किए जाने वाले पोर्टल पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने कहा कि वह आयकर विभाग के सहयोग से पोर्टल को सुविधाजनक बनाने के लिए तेजी से काम में जुटी है।
कंपनी ने एक पोस्ट में कहा है, ‘पोर्टल में लगातार सुधार होने के बावजूद इन्फोसिस इस बात को स्वीकार करती है कि कुछ उपयोगकर्ताओं को पोर्टल पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी चिंताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए वह 1,200 से अधिक करदाताओं के साथ सीधे जुड़ी हुई है। वह चार्टर्ड एकाउंटेंट समुदाय के साथ मिलकर इन चुनौतियों को तेजी से हल करने के लिए काम कर रही है।’
बेंगलूरु स्थित तकनीकी सेवा की इस दिग्गज कंपनी ने कहा कि तीन करोड़ से अधिक करदाताओं ने पोर्टल में लॉग इन किया है और सफलतापूर्वक विभिन्न लेनदेन को पूरा किया है।
इन्फोसिस ने आज ब्लॉग पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि इस महीने अब तक औसतन रोजाना 15 लाख से अधिक करदाताओं ने पोर्टल पर लॉग इन किया है और आज तक 1.5 करोड़ रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं।
इन्फोसिस ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने वालों में से 85 फीसदी ने मोटे तौर पर आधार एकबारगी पासवर्ड (ओटीपी) प्रमाणन के जरिये अपना ई-सत्यापन पूरा किया है। पोर्टल पर रोजाना आधार पर 2,50,000 से अधिक रिटर्न दाखिल करने की सुविधा मुहैया कराई जा रही है और इस पर आईटीआर 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7 उपलब्ध हैं।
अधिकांश संवैधानिक प्रपत्र भी ऑनलाइन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। 15जी, 15एच, ईक्यू1, 10ए, 10ई, 10आईई, डीटीवीएसवी, 15सीए, 15सीबी, 35 के साथ साथ बड़ी संख्या में टीडीएस रिटर्न दाखिल किए जा रहे हैं। 11.5 लाख से अधिक संवैधानिक प्रपत्रों और 8,00,000 से अधिक टीडीएस रिटर्न पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं। ई-कार्रवाई, नोटिसों और मांगों का जवाब, ई-पैन सेवाएं, डीएससी पंजीकरण और कानूनी उत्तराधिकरी के लिए कार्यक्षमता को भी सक्षम किया गया है। 16.6 लाख ई-पैन भी जारी किए गए हैं। 4,30,000 डीएससी पंजीकरणों और नोटिसों का 3,44,000 से अधिक ई-कार्यवाही प्रतिक्रियाओं को भी पूरा किया गया है।
इस सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी द्वारा विकसित ई-फाइलिंग पोर्टल को लेकर भारी विवाद रहा है। कर पेशेवरों और अन्य लोगों को इस प्रणाली में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है जिससे आयकर दाखिल करने काम प्रभावित हो रहा है। इन्फोसिस के ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, ‘कंपनी इस परियोजना में तेजी से प्रगति करने के लिए प्रतिबद्घ है और उसने इसके लिए फिलहाल 750 से अधिक संसाधनों को समर्पित किया है ताकि इस कार्य के महत्त्वपूर्ण हिस्सों को पूरा किया जा सके। वह इस काम को आईटी विभाग के अधिकारियों के सहयोग से पूरा कर रही है।’
