डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा के बाजार में आ जाने से केबल वितरकों के उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आ रही है।
इससे केबल वितरक कंपनियां सकते में हैं और जल्द ही इसके तोड़ में डिजिटल केबल सेवा उपलब्ध कराने जा रही है। हालांकि यह सेवा चुनिंदा शहरों में ही उपलब्ध होगी और इसके लिए उपभोक्ताओं को 150 से 300 रुपये प्रतिमाह खर्च करना होगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह सेवा सरकार की ओर से अनिवार्य तौर पर कैस (कंडीशनल एक्सेस सिस्टम) लागू करने की घोषणा से पहले शुरू की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि कैस उपभोक्ताओं को यह आजादी होती है कि वे जिस चैनल को देखना चाहते हैं, केवल उसी का भुगतान करना पड़ता है।
यही नहीं, इसके जरिए प्रसारण की गुणवत्ता भी कहीं बेतहर होती है। वर्तमान में देशभर के 7 करोड़ घरों में केबल कनेक्शन उपलब्ध है, लेकिन उपभोक्ताओं की अक्सर यह शिकायत रहती है कि प्रसारण गुणवत्ता बहेतर नहीं है, वहीं ऑपरेटर उनसे मनमाना किराया वसूलते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, केबल वितरण कंपनियां, जिनमें डिजिटल इंटरटेनमेंट नेटवर्क, डिजिकेबल, हैथवे, इनकेबल 500 करोड़ रुपये की लागत से नई योजना शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके तहत चुनिंदा शहरों में 12 लाख घरों में केबल उपभोक्ता उपलब्ध हैं, जिन्हें इन कंपनियों की ओर से डिजिटल सैटटॉप बॉक्स मुहैया कराया जाएगा, जिसकी मदद से उपभोक्ता 150 चैनलों का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए उपभोक्ताओं को 30 रुपये का मासिक किराया देना होगा, जबकि पसंद के चैनल बुके लेने पर 150 से 300 रुपये का मासिक शुल्क का भुगतान करना होगा।
डिजिटल डीईएन के अध्यक्ष विकास बाली का कहना है कि डिजिटल केबल सेवा जल्द ही लखनऊ, कानपुर और आगरा के उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाएगी। उपभोक्ता डिजिटल सेटटॉप बॉक्स के जरिए पसंद के चैनल देख सकेंगे। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को डिजिटल केबल के फायदे भी बताएंगे। इसके लिए कंपनी स्थानीय केबल प्रदाताओं से संपर्क कर रही है।
डिजिकेबल के मुख्य कार्याधिकारी जे. एस. कोहली ने बताया कि हम जल्द ही अपने केबल ऑपरेटर्स के नेटवर्क की घोषण करेंगे और कैस के पूरी तरह से लागू होने से पहले ही डिजिटल केबल सेवाएं उपभोक्ताओं को मुहैया करा दी जाएगी।