भारत की सबसे बड़ी निजी सेलफोन ऑपरेटर एयरटेल और प्रमुख हैंडसेट निर्माता नोकिया अब अपने विज्ञापनों को दिखाने के लिए मोबाइल वेबसाइट (जिसे डॉट मोबी साइट के नाम से जाना जाता है) की ओर रुख करने की योजना बना रही हैं।
उस मोबाइल वेबसाइट के लिए नोकिया विज्ञापन एजेंसी के रूप में काम कर रही है। नोकिया ने नोकिया डॉट मोबी मोबाइल वेबसाइट बनाई है जहां दुनिया भर के करीब 30 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन उपभोक्ताओं ने इसे ब्राउज किया है।
इस वेबसाइट पर प्रति माह 120 देशों के करीब 10 करोड़ उपभोक्ताओं द्वारा ब्राउज किया गया है जो अपने आप में एक रिकार्ड है। भारतीय बाजार में नोकिया की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है।
नोकिया का कहना है कि वास्तव में यह वेबसाइट विभिन्न ब्रांडों के लिए मोबाइल अभियान चला रही है, जिसमें बैनर विज्ञापनों, स्थानों का पता लगाने और मोबाइल कूपन आदि को भी शामिल किया गया है। नोकिया एयरटेल को अपना साझेदार बनाकर आगे बढ़ रही है।
नोकिया इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी शिवकुमार ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘भारत के ग्रामीण इलाकों में नोकिया लाइफ टूल्स के तहत प्रति माह 30 रुपये में उपभोक्ताओं को मानचित्रों, जगह आधारित सेवाओं, मौसम, ताजा खबरें और संगीत जैसी सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। मोबाइल विज्ञापनों के आने के साथ ही भविष्य में इनकी कीमतों में भी कमी की जा सकती है।’
शिवकुमार ने बताया कि यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि नोकिया मानचित्र जैसे ऐप्लिकेशन में ब्रांडों के लिए नए अवसर भी शुरू किए जा सकते हैं जिसके तहत उपभोक्ता जहां चाहें और जब चाहें सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एयरटेल के मुख्य विपणन अधिकारी संजय गुप्ता ने बताया, ‘अगर आप अपने उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सही विज्ञापनदाताओं का चयन करते हैं तो इससे आपकी सेवा दरों में कमी आ सकती है।’
विभिन्न उद्योग के अनुमानों के अनुसार वर्ष 2008-09 के दौरान मोबाइल मार्केटिंग का बाजार 300 करोड़ रुपये का था और यह संभावना जताई जा रही है कि वर्ष 2012 तक यह बढ़कर 500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
रणनीतिकारों का मानना है कि नोकिया वैश्विक कमाई की 5 फीसदी अपने ओवी पोर्टल से कर सकती है। नोकिया का ओवी पोर्टल अभी शुरू नहीं हुआ है। पोर्टल को 2012 तक शुरू किया जाएगा। उपभोक्ता इस पोर्टल पर अपनी सामग्री को स्टोर कर सकते हैं और साथ ही म्यूजिक, गेम्स और मानचित्रों को डाउनलोड भी कर सकते हैं।
नोकिया-टीएनएस इंडिया के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि 18 फीसदी मोबाइल वेब उपभोक्ताओं का कहना है कि वे मोबाइल बैनर विज्ञापनों को देखते हैं जबकि 56 फीसदी का कहना है कि जब वे बैनर विज्ञापनों को देखते हैं तो उसके बाद वे विज्ञापनदाताओं की मोबाइल साइट को भी देखते हैं।
गुप्ता ने बताया, ‘हम ग्राहकों के लिए जल्द ही एक विज्ञापन मंच शुरू करने वाले हैं जहां वे रिटेलरों से विज्ञापन चुन सकते हैं।’