NITES ने श्रम और रोजगार मंत्रालय को एक लेटर भेजा है। (फाइल फोटो)
नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने श्रम और रोजगार मंत्रालय को एक लेटर भेजा है। इसमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की ओर से हाल ही में लागू की गई बेंच पॉलिसी के अंतर्गत कथित रूप से चिंताजनक और शोषणकारी प्रेक्टिसेस को हाइलाइट किया गया है। भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर की बेंच पॉलिसी पिछले महीने लागू हुई थी। पॉलिसी के मुताबिक, कर्मचारी अधिकतम 35 दिनों तक बेंच पर रह सकते हैं। इसका मतलब कि बिना किसी प्रोजेक्ट अलोकेशन के बाद उन्हें करियर में डीग्रोथ या यहां तक कि बर्खास्तगी का रिस्क झेलना पड़ सकता है।
NITES के प्रेसिडेंट हरप्रीत सिंह सलूजा ने लेटर में लिखा, “फौरी तौर पर यह एक रिसोर्स ऑप्टिमाइजेशन और इंगेजमेंट स्ट्रैटेजी है, लेकिन इसे गहराई और मानवीय नजरिए से देखने से मालूम चलता है कि ऐसे कर्मचारी जो प्रोजेक्ट के बीच में हैं, उन पर डर, दबाव और मनोवैज्ञानिक बोझ को संस्थागत करना है। ये नॉन-परफॉर्मिंग कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि कुशल पेशेवर हैं जो अस्थायी रूप से बिना आवंटन के होते हैं। आमतौर पर यह बिजनेस की प्राथमिकताओं, कस्टमर प्रोजेक्ट्स में बदलाव या आंतरिक अक्षमताओं में बदलाव के चलते है, जोकि कर्मचारियों के नियंत्रण से बाहर हैं। ऐसे में सपोर्ट की बजाय उन्हें संदेह, ज़बरदस्ती और धमकियों का सामना करना पड़ता है।” 30 जून तक TCS में करीब 613,000 लोगों का वर्किंग फोर्स है।
NITES ने आगे कहा कि TCS की बेंच पॉलिसी लगातार निगरानी और नियंत्रण का इकोसिस्टम तैयार करती है, जो कर्मचरियों को लायलिलिटी की तरह देखती है। उनका कहना हैकि कर्मचारियों से बिनाकिसी फ्लैक्सिबिलिटी के चौबीसो घंटे रहने की उम्मीद की जाती है। यहां तक कि थोड़े समय भी अगर वह नहीं होता है तो धमकी, चेतावनी या एचआर जांच का सामना करना होता है।
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TCS का कहना है कि कर्मचारियों को साल में कम से कम 225 दिनों के लिए प्रोजेक्ट में होना चाहिए। ऐसा न करने पर प्रबंधन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। सलूजा ने कहा, “अगर उन्हें आवंटन नहीं मिलता है, तो बोझ फिर से उन पर डाला जाता है न कि संगठन पर। आंतरिक सिस्टम की विफलता के लिए कोई जवाबदेही नहीं है, केवल कर्मचारियों के लिए सजा है।”
TCS के सीईओ के. कृतिवासन ने पिछले सप्ताह कंपनी की पॉलिसी का बचाव करते हुए कहा था कि कर्मचारियों से अपने करियर की जिम्मेदारी लेने की उम्मीद की जाती है। “जबकि HR प्रोजेक्ट प्लेसमेंट को सपोर्ट करता है। हम सहयोगियों से मौजूदा कार्यों को पूरा करने के बाद सक्रिय रूप से नए असाइनमेंट की तलाश करने की भी अपेक्षा करते हैं। आप जो अब देख रहे हैं वह उस चीज का एक अधिक स्ट्रक्चर्ड वर्जन है जो लंबे समय से चला आ रहा है। हमारा लक्ष्य बेंच टाइम को कम करना है।