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मंदी का असर जीआरई और टॉफेल के नामांकन पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 10:00 PM IST

वैश्विक मंदी का असर अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या पर भी दिखने लगा है।
हालांकि एमबीए टेस्ट की तैयारी कराने वाले संस्थानों में कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के लिए नामांकन में उछाल आया है। संस्थानों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ग्रैजुएट रिकॉर्ड इग्जामिनेशन (जीआरई) और टेस्ट ऑफ इंगलिश ऐज ए फॉरेन लेंग्वेज (टीओईएफएल)  जैसे अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशिक्षण पाठयक्रमों के लिए छात्र नामांकन दर में अब तक लगभग 30 फीसदी की कमी आई है।
ग्रैजुएट मैनेजमेंट एप्टीटयूड टेस्ट (जीएमएटी) के लिए भी नामांकन की रफ्तार मंद पड़ गई है। हालांकि भारतीय बिजनेस स्कूलों का गेटवे कहे जाने वाले कैट की परीक्षा में 20 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। टेस्ट की तैयारी कराने वाले संस्थानों में कैट दाखिले सितंबर के शुरू तक जारी रहेंगे, लेकिन जीआरई और टीओईएफएल परीक्षाएं पूरे साल आयोजित की जानी हैं।
उदाहरण के लिए, हैदराबाद स्थित ट्रम्फेंट इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एजूकेशन (टीआईएमई) में कैट की भागीदारी इसके सालाना राजस्व में 50 फीसदी से भी अधिक की है। आपको मालूम हो कि यह संस्थान कैम्पस रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग (सीआरटी) नामक एक लोकप्रिय प्रोग्राम भी चलाता है।
टीआईएमई के वरिष्ठ प्रबंधक जयदीप सिंह चौधरी कहते हैं, ‘हर कोई यह सोचता होगा कि सीआरटी या जीआरई जैसे पाठयक्रमों के लिए ज्यादा लोग शिरकत करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘लोग अवसरों में कमी महसूस कर रहे हैं और वे अपनी तैयारियों को भी ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं। यह नामांकन के सिलसिले में गिरावट का एक स्पष्ट संकेत माना जा सकता है।’
दिल्ली स्थित कैरियर लॉन्चर का कहना है कि संस्थान में जीआरई के लिए नामांकनों में 20 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इस संस्थान के प्रबंध निदेशक निखिल महाजन कहते हैं, ‘हमें एक और तिमाही तक इंतजार करना होगा और हम यह देखेंगे कि इसमें कितना इजाफा होता है। अब तक हम अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सेगमेंट में गिरावट देख रहे हैं।’
अमेरिका के ईटीएस (एजूकेशन टेस्टिंग सर्विस) का कहना है कि उसने आर्थिक मंदी के बावजूद जीआरई की तादाद में इजाफा दर्ज किया और इस साल भी हमें ऐसी ही उम्मीद है। हालांकि ईटीएस के उपाध्यक्ष एवं सीओओ (उच्च शिक्षा) डेविड पायने यह स्वीकार करते हैं कि 2008 में भारत में जीआरई में गिरावट आई थी।

First Published : March 29, 2009 | 10:22 PM IST