facebookmetapixel
Year Ender 2025: NFOs आए… लेकिन निवेशकों ने क्यों पीछे खींचे हाथ?Tata Steel पर नीदरलैंड्स में $1.4 अरब का मुकदमा दायर, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोपRevised vs Updated ITR: दोनों में क्या है अंतर और किस टैक्सपेयर्स को क्या भरना जरूरी, आसान भाषा में समझेंNational Pension Scheme में हुए कई बदलाव, निवेशकों को जानना जरूरी!कोरोना के बाद वायु प्रदूषण सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट! डॉक्टरों का दावा: फेफड़ा-दिल को हो रहा बड़ा नुकसान2026 में कैसी रहेगी बाजार की चाल, निवेशक किन सेक्टर्स पर रखें नजर? मोतीलाल ओसवाल ने दिया न्यू ईयर आउटलुकYear Ender: ग्लोबल बैंक के लिए बैंकिंग सेक्टर में फिर बड़ा मर्जर? क्या और घटेगी सरकारी बैंकों की संख्याGold, Silver Price Today: सोना नए ​शिखर पर, चांदी ने भी बनाया रिकॉर्ड; चेक करें आज का भावशिप रिसाइक्लिंग पर सरकार की बड़ी तैयारी: हॉन्ग कॉन्ग कंवेंशन के अनुरूप कड़े नियम जल्ददिवाली और क्रिसमस के जश्न के बीच जमकर ड्रिंक कर रहे लोग, प्रीमियम शराब की बिक्री व मांग में बढ़ोतरी

…और आकाशीय मनोरंजन काटेगा जेब

Last Updated- December 05, 2022 | 5:04 PM IST

टीवी पर मनोरंजन के लिए आ रही आसमानी तरंगे लोगों को अब और महंगी पड़ने वाली हैं।


क्योंकि देश में डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा का लुत्फ उठा रहे करीब 50 लाख उपभोक्ताओं को अब एक अन्य तकनीक ‘ट्रांसकोडर्स’ का इस्तेमाल करने के लिए अतिरिक्त 400 से 600 रुपये खर्च करना पड़ सकता है। अगर मौजूद सेट टॉप बॉक्स के उपभोक्ता इस सेवा के बजाए बिग टीवी (रिलायंस एडीए ग्रुप), भारती या सन डायरेक्ट का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें ट्रांसकोडर नामक हार्डवेयर का इस्तेमाल करना होगा।


ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीईएस) के सूत्रों के मुताबिक उपभोक्ताओं को ट्रांसकोडर मुहैया कराने का जिम्मा डीटीएच की नई कंपनियों पर होगा। दरअसल, बीईएस को डीटीएच सेटटॉप बॉक्स की तकनीकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। बाद में इस रिपोर्ट को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (आई बी) को सौंपा जाएगा।


डीटीएच लाइसेंसिंग प्रावधानों में मौजूद तकनीकी क्षमताओं से संबंधित नियम और शर्त सभी डीटीएच सेवा प्रदाताओं के लिए जरूरी होंगे। सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं के लिए तकनीकी रूप से सक्षम डीटीएच सेटटॉप बॉक्स की व्यवस्था करेंगे, ताकि बिना किसी सेटटॉप बॉक्स के बदले उपभोक्ता आसानी से दूसरी डीटीएच ऑपरेटर में जुड़ सकें।


फिलहाल, डिश टीवी और टाटा स्काई (एमपीईजी-2) में तकनीकी रूप से अंतर होने की वजह से मौजूदा डीटीएच सेवा का इस्तेमाल कर रहे उपभोक्ता नए ऑपरेटर से नहीं जुड़ पाएंगे।

First Published - March 26, 2008 | 1:05 AM IST

संबंधित पोस्ट