भारती एयरटेल ने वोडाफोन ग्रुप से इंडस टावर्स में अतिरिक्त 4.7 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का फैसला किया है। कंपनी ने आज इस बात की घोषणा की।
दोनों कंपनियों ने आज इस शर्त पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए कि वोडाफोन ग्रुप, वोडाफोन आइडिया (वी) में निवेश करने के लिए इस आय का उपयोग करेगा और वह इंडस टावर्स में अपने लंबित बकाये का भुगतान करेगी।
कंपनी ने कहा कि उक्त अधिग्रहण की खरीद एक आकर्षक कीमत पर होगी। इसके अलावा एयरटेल एक सीमित कीमत स्तर से भी सुरक्षित है जो 24 फरवरी को वोडाफोन द्वारा बेचे गए इंडस शेयरों के ब्लॉक की कीमत से कम है। यह एयरटेल के लिए मूल्य अभिवृद्धि होगी और इंडस टावर्स में इसकी मौजूदा महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी की रक्षा करेगी।
शुक्रवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इंडस टावर्स का शेयर चार फीसदी चढ़ा और 214.20 रुपये पर बंद हुआ था। इस अधिग्रहण से इंडस टावर्स में एयरटेल की हिस्सेदारी बढ़कर 46.4 प्रतिशत हो जाएगी। कंपनी में फिलहाल वोडाफोन समूह की 28.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इसकी शेयरधारिता घटकर 21 प्रतिशत रह जाएगी।
बुधवार को ब्रिटेन स्थित मुख्यालय वाली इस दूरसंचार कंपनी ने इंडस टावर्स में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा की थी। इसने गुरुवार को 1,443 करोड़ रुपये में एक ब्लॉक सौदे के तहत एक निवेशक को 2.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। कंपनी शेष बची हुई 21 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए अन्य निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है।
एयरटेल ने कहा कि इंडस टावर्स जैसी विशिष्ट और मजबूत बुनियादी ढांचे वाली कंपनी की स्थिरता और निरंतरता 5जी की शुरुआत करने में मदद समेत को-लोकेशन सेवाओं के निरंतर मजबूत प्रावधान के लिए महत्त्वपूर्ण है।
