सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र में मंदी के बीच शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म सिंपलीलर्न को नए कौशल सीखने के इच्छुक आईटी पेशेवरों की मजबूत मांग दिख रही है। खास तौर पर जनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनएआई) पाठ्यक्रमों में दिलचस्पी बढ़ रही है। ब्लैकस्टोन के निवेश वाली यह फर्म ऑनलाइन कौशल विकास करती है।
फर्म ने साल 2024 की पहली तिमाही के दौरान भारत में जेनएआई पाठ्यक्रमों की मांग में पिछले साल की तुलना में 195 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। पिछले साल के दौरान सिंपलीलर्न के विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये जेनएआई में 3,00,000 से ज्यादा पेशेवरों ने कौशल विकास हासिल किया।
कंपनियां सामग्री लेखन, वर्कफ्लो, प्रोसेस ऑटोमेशन, ग्राहक सहायता और डेटा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों में तेजी से जेनएआई अपना रही हैं। अधिकांश कंपनियों में इन टीमों के बड़े आकार के मद्देनजर इन क्षेत्रों के पेशेवरों को प्रासंगिक बने रहने और अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए जेनएआई अपनानी चाहिए।
सिंपलीलर्न के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी कृष्ण कुमार ने कहा, ‘कंपनियां अपने प्रौद्योगिकी व्यय को लेकर सख्त हैं। लेकिन सीखने की दमदार मांग है। हर कोई जेनएआई सीखना चाहता है और पिछड़ना नहीं चाहता।’
उन्होंने कहा कि जेनएआई कारोबार के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर रही है। हमें काफी सारी पूछताछ और दिलचस्पी नजर आ रही है तथा हमने विभिन्न क्षेत्रों में पेशेवरों के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं।’ कुमार ने कहा कि पिछले 10 साल के दौरान ऐसा पहली बार है कि आईटी सेवा क्षेत्र की कंपनियां बड़े स्तर पर मंदी का सामना कर रही हैं।
इससे उन पर अपने राजस्व लक्ष्य पूरे करने का दबाव पड़ रहा है। कुमार ने कहा ‘कर्मचारी अब अपने पैसे का अधिक मूल्य चाहते हैं। वे पाठ्यक्रम तभी कर रहे हैं जब उन्हें इस बात का भरोसा होता है कि इससे उन्हें पदोन्नति पाने या अपनी नौकरी बदलने में सहयता मिलेगी।’
साइबर सुरक्षा कार्यक्रमों की मांग भी बढ़ रही है। आईटी क्षेत्र में अधिक मांग वाले शिक्षार्थियों में 72 प्रतिशत की हिस्सेदारी भारत की होती है।