बीएस बातचीत
यूनियन ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में मुख्य निवेश अधिकारी विनय पहाडिय़ा के अनुसार, बाजारों में भारी तेजी के बाद, मूल्यांकन महंगे हो गए हैं। उन्होंने समी मोडक के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था में संभावित सुधार की वजह से इक्विटी बाजारों के लिए परिदृश्य अनुकूल बना हुआ है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आप मानते हैं कि बाजारों में बुनियादी आधार के मुकाबले ज्यादा तेजी आई है?
हमारे आंतरिक विश्लेषणों के आधार पर बाजार अपनी मौजूदा उचित वैल्यू के मुकाबले कुछ बढ़त पर कारोबार कर रहे हैं। आर्थिक वृद्घि की मदद से यह वैल्यू मजबूत रहने की संभावना है। इसलिए हम मध्यावधि से दीर्घावधि को लेकर इक्विटी में निवेश के बारे में सकारात्मक बने हुए हैं।
अगले साल के लिए आपका क्या नजरिया है?
अर्थव्यवस्था में अगले साल के दौरान अच्छा सुधार आने की संभावना है, क्योंकि उसे आधार प्रभाव और दबी हुई मांग सामने आने से मदद मिलेगी। सरकार ने अपने आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित किया है जिससे इस क्षेत्र को मदद मिलने की संभावना है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक वृद्घि की रफ्तार बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।
क्या आपका मानना है कि वैल्यू शेयरों की लोकप्रियता बढ़ेगी?
हमने देखा है कि वैल्यू शेयरों ने इस साल बेहतर प्रदर्शन किया है, क्योंकि उनकी शेयर कीमतें उचित मूल्य के साथ तेजी से चढ़ी हैं। हालांकि इसका अंदाजा लगाना कठिन है कि कब और कैसे ऐसे बदलाव हो सकते हैं। इसलिए, हम निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में ग्रोथ और बार्गेन शेयरों या फंडों के समावेश पर ध्यान देने की सलाह देते हैं।
आपके पसंदीदा क्षेत्र कौन से हैं?
हमें उम्मीद है कि आईटी और दूरसंचार जैसे क्षेत्र मध्यावधि में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। महामारी की वजह से आईटी के लिए मांग तेजी से बढ़ है। कंपनियां आईटी खर्च बढ़ा रही हैं और यह कदम वृद्घि के लिए नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धा में डटे रहने के लिए उठाया जा रहा है। दूरसंचार को समेकन और मांग में सुधार का लाभ मिलने की संभावना है, क्योंकि उपभोक्ताओं और उद्यमों, दोनों द्वारा डेटा खपत में तेजी देखी जा रही है। फार्मा क्षेत्र की कंपनियां निर्यात से अनुकूल बदलाव में मदद मिल सकती है, क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने विक्रेता आधार को चीन से हटाकर विविध बनाने की योजना बनाई है।
वित्तीय क्षेत्र पर आपका क्या नजरिया है?
हम बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं पर समान महत्व दे रहे हैं। कमजोर वृद्घि और ऊंची ऋण लागत के संदर्भ में इस क्षेत्र पर महामारी का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि हमारा मानना है कि मूल्यांकन मध्यावधि-दीर्घावधि परिदृश्य से आकर्षक है। कई अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक और एनबीएफसी ने संभावित ऋण लागत के लिए मजबूत प्रावधान किए हैं, और वे अब अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं।
एमएफ इस साल बड़े बिकवाल रहे हैं, खासकर हाल के महीनों में। ऐसा क्यों है?
एमएफ निवेशकों ने भारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए इस साल इक्विटी निवेश घटाया है। हालांकि निवेश में कमी की मात्रा को देखते हुए हम यह मान रहे हैं कि निवेशक अब पहले के मुकाबले बाजार अस्थिरता को लेकर ज्यादा परिपक्व हुए हैं। हमें उम्मीद है कि उतार-चढ़ाव घटने पर निवेशक फिर से इक्विटी आवंटन बढ़ाएंगे।
क्या आप मानते हैं कि एमएफ ने ताजा तेजी में अपनी चमक खोई है?
इस साल दर्ज भारी बिकवाली के बावजूद हमने म्युचुअल फंडों में ज्यादा रिडम्पशन दबाव नहीं देखा है। निवेशकों के लिए हमारी सलाह है कि वे लंबी अवधि तक बाजार में निवेश बनाए रखें, और अल्पावधि उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित न हों।
अल्पावधि जोखिम क्या हैं?
कोविड-19 महामारी की वजह से कंपनियों पर अनुमान से ज्यादा आर्थिक प्रभाव पड़ा है और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए ब्याज दरें सख्त हो रही हैं। ये ऐसे जोखिम हैं जिन पर निवेशकों को नजर रखनी चाहिए।