निदेशक मंडल में नियुक्तियों पर डिश टीवी के साथ विवाद शुरू होने के बाद येस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अमानत यानी शेयर के मूल्य की सुरक्षा के मकसद से येस बैंक ने यह कदम उठाया था।
कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘कुछ अन्य कंपनियों को दिए गए कर्ज के बदले जमानत के तौर पर हमें डिश टीवी के शेयर मिले हैं। हमने डिश टीवी को कर्ज नहीं दिया है।’ निजी क्षेत्र के ऋणदाता येस बैंक के पास डिश टीवी के 25.63 फीसदी शेयर हैं।
कुमार ने कहा, ‘ऋणदाता के तौर पर अमानत यानी शेयरों की कीमत बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए जो हो रहा है, उसके जरिये हम अपने पास मौजूद जमानत का मूल्य बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ये शेयर कुछ गैर-निष्पादित आस्तियों के एवज में हमारे पास हैं।’
पिछले महीने बंबई उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने डिश टीवी के प्रवर्तक वर्ल्ड क्रेस्ट एडवाइजर्स की याचिका खारिज कर दी थी। इस याचिका में डिश के प्रवर्तक ने येस बैंक को कंपनी की असाधारण आम बैठक में शामिल होने और मतदान से रोकने की मांग की थी। एकल पीठ के इस आदेश को वर्ल्ड क्रेस्ट एडवाइजर्स ने बंबई उच्च न्यायालय के खंडपीठ में चुनौती दी। मगर खंडपीठ ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी।
असाधारण आम बैठक में 78.9 फीसदी शेयरधारकों ने जवाहर गोयल को प्रबंध निदेशक पद पर दोबारा नियुक्त करने के प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया था। मुख्य कार्य अधिकारी अनिल कुमार दुआ को पूर्णकालिक निदेशक के तौर पर फिर नियुक्त करने के पक्ष में भी बहुमत नहीं आया। जवाहर गोयल एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा के छोटे भाई हैं।
कुमार से जब पूछा गया कि क्या येस बैंक ने डिश टीवी का नया प्रबंध निदेशक तय कर लिया है तो उन्होंने कहा, ‘इसमें हमारी भूमिका नहीं है। इसका निर्णय कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा किया जाएगा।’
कुमार ने कहा कि बैंक के हित की रक्षा के लिए उन्होंने बोर्ड सदस्यों के लिए कुछ भरोसेमंद नाम कंपनी को बताए थे, जिसे डिश टीवी ने स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘जब हमने अपने हितों की रक्षा करनी चाही और बोर्ड के लिए कुछ भरोसेमंद लोगों के नाम सुझाए तो कंपनी ने उसे स्वीकार नहीं किया और वे अपने एजेंडा में लग गए, जो हमारे वोटिंग अधिकार के खिलाफ तो था ही, सभी शेयरधारकों के भी खिलाफ था।’
ऋणदाता ने एस्सेल समूह के प्रवर्तकों को ऋण दिया था और प्रवर्तक उसे लौटाने में नाकाम रहे। इस पर बैंक ने कंपनी के गिरवी शेयर ले लिए और मई 2020 में येस बैंक डिश टीवी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया।