अमेरिकी मंदी और सब-प्राइम संकट की वजह से अपने बड़े ग़्राहकों से राजस्व वसूली में कमी आने के बाद देश की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने छोटे ग्राहकों की ओर उत्साह दिखाना शुरू कर दिया है।
दिग्गज आईटी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज, विप्रो टेक्नोलॉजीज, सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज और एचसीएल टेक्नोलॉजीज – के बड़े ग्राहकों से आने वाले राजस्व में पिछली दो तिमाहियों (जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून) के दौरान 0.2 फीसदी और 4 फीसदी के बीच गिरावट देखी गई।
ये बड़े ग्राहक अधिक राशि खर्च कर अपने बजट को बिगाड़ना नहीं चाहते। इनमें से अधिकांश ग्राहक बीएफएसआई सेगमेंट से हैं। बीएफएसआई सेगमेंट सब-प्राइम संकट के दौर से गुजर रहा है। इस सेगमेंट की राजस्व भागीदारी 40 फीसदी तक की है। हालांकि छोटे ग्राहकों की तलाश पर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है।
इस उद्योग के जानकारों के मुताबिक वैसे, शीर्ष स्तर की कंपनियों का प्रबंधन ऐसे ग्राहकों पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा जो अधिक लाभ कमाने में मददगार हो सकें। इसलिए हमेशा से कंपनियों का फोकस फर्ॉच्यून-500 में शामिल कंपनियों की तरह बड़ी कंपनियों पर अधिक रहता है।
विश्लेषकों का मानना है कि आईटी कंपनियों को मंदी के दौर से उबरने के लिए बड़ी संख्या में ग्राहकों के साथ-साथ सर्विस लाइनों को भी जोड़े जाने की सख्त जरूरत है। टीसीएस के सीओओ एवं कार्यकारी निदेशक एन. चंद्रशेखरन बताते हैं, ‘यदि आप पिछली आठ तिमाहियों के हमारे ग्राहक आधार पर नजर डालेंगे तो आप देखेंगे कि हमारे ग्राहकों की संख्या में 10 लाख, 50 लाख और एक करोड़ ग्राहक तेजी से जुड़े हैं।’
कुछ तिमाहियों से पहले सत्यम के प्रबंधन ने भी यह कहा था कि छोटे ग्राहकों (430-2150 लाख रुपये) पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। कुछ तिमाहियों में बड़े ग्राहकों पर सत्यम की निर्भरता में कमी आई है। सत्यम कम्प्यूटर सिस्टम्स के अध्यक्ष राम मयनापति ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘तिमाही दर तिमाही हमारे शीर्ष ग्राहकों की संख्या में बदलाव आया है। प्रत्येक तिमाही में हमने हर ग्राहक से मुनाफा कमाया और इसे अवरोही तिमाही में शामिल किया। इसके बाद हमने यह भी देखा कि किस ग्राहक का योगदान हमारे लिए सबसे अधिक रहा।’