अस्पताल एवं फार्मेसी श्रृंखला कंपनी एस्टर डीएम हेल्थकेयर (Aster DM Healthcare) ने नवंबर के अंत में गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल व्यवसाय में अपनी हिस्सेदारी 1 अरब डॉलर में बेचने की योजना के बारे में बताया था। कंपनी का यह कदम भारत और खाड़ी देश के कारोबार को अलग करने के लिए था। कंपनी को वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में अपने कुल कारोबार का 73 फीसदी हिस्सा खाड़ी देशों के परिचालन से मिला था। सोहिनी दास के साथ बातचीत में एस्टर डीएम हेल्थकेयर इंडिया के समूह मुख्य कार्याधिकारी डॉ. नीतीश शेट्टी ने योजनाओं के बारे में बताया। मुख्य अंश:
हम जब एक इकाई (जीसीसी और भारतीय कारोबार) के रूप में सूचीबद्ध हो रहे थे तो हमें लगा था कि भारतीय बाजार भी हमारे जीसीसी कारोबार को सराहेगा मगर ऐसा नहीं हुआ। जब हमें यह साफ हो गया तो हमने जीसीसी और भारतीय कारोबार को अलग करने का कठिन फैसला लिया।
मुंबई से हॉन्गकॉन्ग और लंदन तक के अपने रोडशो में हमने महसूस किया कि निवेशकों की धारणा बहुत बदली है। अब जब केवल भारतीय कारोबार बन गए हैं तो कई निवेशक एस्टर डीएम में निवेश करने के लिए तैयार हैं क्योंकि कई पीई निवेशकों को सिर्फ भारत में ही निवेश करने का अधिकार है। हमें जीसीसी की छवि से बाहर निकलने वाले अपने ब्रांड पर भरोसा है।
लंबे समय तक साथ रहने वाले हमारे मौजूदा निवेशक भी अब बाहर निकलना चाह रहे हैं। संभवतः वे कुछ पीई निवेशकों से बात कर सकते हैं जो शामिल होना चाहते हैं। हालांकि, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम जो भी निवेशक आएं वे हमारे जैसी ही विचारधारा वाले हों और अगले चार-पांच वर्षों में हम जो हासिल करना चाहते हैं उसके अनुरूप हों।
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हम अगले दो से तीन वर्षों में 1500 और बेड जोड़ने की योजना बना रहे हैं। इससे भारत में हमारे कुल बेड की संख्या 6 हजार से ज्यादा हो जाएगी। इनमें वित्त वर्ष 2026 तक पहले चरण में 350 से अधिक बेड के साथ तिरुवनंतपुरम में और 200 से अधिक बेड के साथ एस्टर कैपिटल और एस्टर एमआईएमएस कासरगोड शामिल है। उसके बाद हम अपने मौजूदा अस्पतालों मेडिसिटी और एमआईएमएस कन्नूर में करीब 100-100 बेड और एस्टर व्हाइटफील्ड में 159 बेड की क्षमता बढ़ाने पर विचार करेंगे।
फिलहाल भारत में हमारे 19 अस्पताल हैं और इनमें कुल मिलाकर 4,800 बेड हैं। इन 19 अस्पतालों में से 7 केरल में, 7 आंध्रप्रदेश में, चार कर्नाटक और एक महाराष्ट्र में है। हमारे करीब 60 फीसदी बेड केरल में हैं और शेष 1,000 बेड आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हैं। इन बेड के अलावा प्रत्येक नए अस्पतालों में 350 बेड शामिल हैं जो दो साल बाद शुरू होंगे। हमारी अन्य परियोजनाओं में पुराने अस्पतालों का विस्तार शामिल है।
हम सही मायने में तलाश कर रहे हैं। अगर अभी आप हमें देखेंगे तो हम केरल में लंबे समय से हैं। बेंगलूरु में पिछले सात साल से हैं। यहां हमने तीन अस्पतालों में 1,200 बेड जोड़े हैं। फिलहाल हम अपने काम की गुणवत्ता के आधार पर जहां भी काम करते हैं वहां दिखने और पहचाने बनाने में विश्वास करते हैं। हम जहां जाते हैं वहां की शीर्ष तीन कंपनियों में शामिल होने का लक्ष्य रखते हैं। यह स्थान हम अपने मौजूदा स्थानों पर हासिल कर चुके हैं।