एलआईसी आईपीओ: इंतजार की नीति में निवेश बैंकर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:02 PM IST

वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव ने निवेश बैंकरों को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त करने को लेकर अनिश्चितता में डाल दिया है।
रूस और यूक्रेन के बीच हमले की वजह से गुरुवार को प्रमुख सूचकांक गुरुवार को करीब 5 प्रतिशत गिर गए थे, हालांकि शुक्रवार को इनमें नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हुई।
निवेश बैंकरों का कहना है कि यह निवेशक दिलचस्पी का आकलन करने के लिए अच्छा समय नहीं है। किसी आईपीओ के लिए मांग का पता लगाने के लिए निवेशकों की दिलचस्पी और उनके अनुकूल मूल्यांकन के बारे में जानना जरूरी होता है। यही वजह है कि कई विदेशी निवेशक रूस और यूक्रेन के बीच ताजा भूराजनीतिक टकराव के बीच नए निवेश को लेकर मौजूदा पोर्टफोलियो में बदलाव को प्राथमिकता देंगे।
एलआईसी आईपीओ को लेकर बैंकर सख्त समय-सीमा पर काम कर रहे हैं। सही मूल्यांकन और मूल्य निर्धारण संबंधित जोखिमों का आंकलन करने के लिए लंबा इंतजार करने से आईपीओ मार्च से आगे बढ़ सकता है, जिससे सरकार को समस्या हो सकती है, क्योंकि उसने आईपीओ राशि से इस वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया है।
इस शेयर बिक्री से जुड़े एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘हम सख्त समय-सीमा पर अमल करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन नए निवेश अवसरों पर ध्यान देने के बजाय निवेशक अपने मौजूदा पोर्टफोलियो में बदलाव पर जोर दे रहे हैं जिसे देखते हुए इस निर्गम पर प्रतिक्रियाएं हासिल करने के लिए यह अच्छा समय नहीं हो सकता है।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘इस निर्गम को तभी पेश किया जाएगा जब निवेशकों से अच्छी मांग हो और सरकार मूल्यांकन के संदर्भ में बैंकरों के साथ सहमत हो।’ हालांकि इस सबंध में एलआईसी को भेजे गए ईमेल संदेश का कोई जवाब नहीं मिला है।
विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू संस्थागत निवेशकों के साथ साथ विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भी इस निर्गम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होगी।
माना जा रहा है कि बाजार नियामक सेबी ने एलआईसी आईपीओ को प्राथमिकता दी है और वह कंपनी को जल्द मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया के लिए दीपम के साथ मिलकर काम कर रहा है।

First Published : February 25, 2022 | 11:14 PM IST