प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओरेकल (Oracle) ने इस साल भारत में अपने 30 साल पूर कर लिए हैं। कंपनी भारतीय प्रौद्योगिकी के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भागीदार रही है। यहां कंपनी के पास 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20,000 से अधिक ग्राहक हैं और इसका प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म भारत के वित्तीय क्षेत्रों को मजबूती प्रदान कर रहा है।
ओरेकल इंडिया तथा नेटसुइट जापान और एशिया पैसिफिक (जैपेक) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक शैलेंद्र कुमार ने वीडियो साक्षात्कार में शिवानी शिंदे से कहा कि भारत कंपनी के लिए तेजी से उभरता बाजार है। संपादित अंशः
यह काफी संतोषजनक यात्रा रही है। हमारे पास उद्यमों, छोटे और मझोले व्यवसायों और सार्वजनिक क्षेत्रों के 20,000 से अधिक ग्राहक हैं। हमारे पास 45,000 से अधिक कर्मचारियों की टीम है। हम ओरेकल के मुख्यालय के बाहर एकमात्र ऐसे बाजार हैं, जो घरेलू के साथ-साथ दुनिया भर के ग्राहकों के लिए बिक्री, मार्केटिंग, कंसल्टेंट्स, सहायता और शिक्षा संचालन सहित सभी विभागों में हैं।
भारत में ओरेकल के लगभग सभी उत्पादों में इंजीनियरों और डेवलपरों की एक समर्थित टीम रहती है। हम डेटाबेस, मिडलवेयर और बिजनेस ऐप्लिकेशन के बारे में बातें करते हैं।
हाल के दिनों में हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि दो क्लाउड क्षेत्रों की स्थापना रही है। साल 2019 में मुंबई में और मई 2020 में हमने हैदराबाद में क्लाउड क्षेत्र स्थापित किए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र हमारे प्रमुख केंद्रों में से है। आप जल्द ही कई घोषणाएं सुनेंगी। अभी हमारी साझेदारी नीति आयोग, कार्गो एक्सचेंज, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स, डाक विभाग और वित्त विभाग के साथ है।
हमने साल 2012-23 में सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) के साथ शुरुआत की थी। इसके बाद फ्यूजन इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग, फ्यूजन ह्युमन कैपिटल मैनजमेंट और ग्राहक अनुभव मंच पर काम किया। भारत या फिर पूरे एशिया-प्रशांत के लिए कारोबार की गति की अगर बात करें तो वे सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक हैं।
हमने तीन वर्षों में अपने क्लाउड कारोबार को दोगुना किया है, खासकर ओसीआई। हमने पिछले साल क्लाउड का 100 फीसदी उपयोग देखा है। हमारी क्लाउड नवीनीकरण पूरे साल के दौरान 74 फीसदी से अधिक रहीं। हमारी क्लाउड ऐट कस्टमर पेशकश में पिछले साल की अपेक्षा 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
इस साल सार्वजनिक क्षेत्र में दोगुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कारोबारी चर्चाओं की तरह ही तकनीकी मूल्याकंन भी काफी अधिक पारदर्शी हो गया है।
शायद 20 फीसदी ने क्रियान्वयन शुरू कर दिया है और 80 फीसदी अभी भी मूल्यांकन कर रहे हैं। अगले 6 से 8 महीनों में सभी संस्थान अपने ऐप्स के लिए एआई का उपयोग करने लगेंगे।