गुरुग्राम के एक होटल कारोबारी राकेश के यादव ने ओयो की एक इकाई के खिलाफ अपनी दिवालिया याचिका वापस ले ली है। उन्होंने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में ओयो की इकाई के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर की थी। आतिथ्य सेवा स्टार्टअप द्वारा इस मुद्दे को सुलझा लेने के बाद मामला वापस ले लिया गया है।
यादव ने कहा, ‘ओयो और उसकी सहायक इकाइयों की टीम के साथ खुले तौर पर चर्चा के बाद मैं इस मामले को पूरी तरह वापस लेता हूं और पुष्टिï करता हूं कि सभी मुद्दे निपटा लिए गए हैं। मैं एमटीएच (माई प्रेफर्ड ट्रांसफॉर्मेशन ऐंड हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड) के साथ एमएसए (मास्टर सर्विस एग्रीमेंट) के तहत 16 लाख रुपये प्राप्त होने की भी पुष्टिï करता हूं। बातचीत के दौरान मैंने महसूस किया कि ओयो और उसके कर्मचारी हमेशा पेशेवर आचरण एवं कारोबारी प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं ओयो के नवोन्मेषी कारोबारी मॉडल और प्रौद्योगिकी का आभारी हूं जिसने भारत में छोटे एवं मझोले होटलों को वृद्धि में समर्थ बनाया है।’ इसी साल अप्रैल में यादव की ओर से याचिका दायर किए जाने के बाद एनसीएलटी के अहमदाबाद पीठ ने ओयो की सहायक इकाई ओयो होटल्स ऐंड होम्स प्राइवेट लिमिटेड (ओएचएचपीएल) के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने दावा किया था कि ओएचएचपीएल ने उनके 16 लाख रुपये के भुगतान में चूक की है। ओयो रूम्स की मूल कंपनी ओरावेल स्टेज प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी। आयो ने अपनी दलील में कहा था कि याचिका उसकी इकाई एमटीएच के खिलाफ दायर की जानी चाहिए थी।
बाद में ओयो द्वारा 16 लाख रुपये की विवादित रकम का भुगतान करने के बाद मामले की सुनवाई नैशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में हुई। एमटीएच और यादव ने बाद में आपसी समाधान पर विचार किया और एक सुलह समझौता किया। अब यादव ने ओएचएचपीएल के खिलाफ आईबीसी मामले को वापस ले लिया है।
ओयो ने बिजनेस स्टैंडर्ड को इस संबंध में पुष्टिï की है। यादव के वकील कॉरपोरेट लॉ फर्म लेक्सपोर्ट के श्रीनिवास कोटनी ने कहा, ‘इस आईबीसी मामले को पूरी तरह सुलझा लिया गया है और मामले को वापस लेने के लिए एक याचिका दायर की गई है। इसके अलावा मेरे मुवक्किल ने 16 लाख रुपये प्राप्त होने की पुष्टि की है।’