ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी को दूर करने और उसके परिवहन को सुगम बनाने में मदद के लिए भारतीय उद्योग जगत ने हाथ आगे बढ़ाया है।
जेएसडब्ल्यू स्टील लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति को इस महीने के अंत तक बढ़ाकर 900 टन प्रति दिन करने की तैयारी कर रही है। कंपनी आगे इसमें और बढ़ोतरी करने की दिशा में भी काम कर रही है। कंपनी ने कहा कि उसने महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के अपने तीन संयंत्रों से अप्रैल में लगभग 20,000 टन एलएमओ की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है।
जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में मौजूद थे। जिंदल ने बैठक के बाद बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि जेएसडब्ल्यू अपनी अधिकतम क्षमता पर आपूर्ति करेगी।
बैठक के दौरान अधिकतर इस्पात कंपनियों के प्रमुख उपस्थित थे क्योंकि वे जबरदस्त मांग को पूरा करने के लिए एलएमओ की आपूर्ति कर रही थीं। जेएसडब्ल्यू स्टील ने आज कहा कि 21 अप्रैल से 23 अप्रैल के बीच उसने अपने संयंत्र परिसरों से रोजाना औसतन 898 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की।
जेएसडब्ल्यू स्टील ने कर्नाटक एवं तमिलनाडु के अपने संयंत्रों से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और मराठवाड़ा क्षेत्र में रोजाना 600 टन एलएमओ की आपूर्ति की। इसके अलावा उसने अपने डोल्वी रायगढ़ महाराष्ट्र संयंत्र से मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र, उत्तरी महाराष्ट्र, नागपुर, पुणे, कोल्हापुर, नांदेड़, सांगली, ठाणे, वसई विरार और पनवेल रायगढ़ क्षेत्र में ऑक्सीजन की आपूर्ति की।
कंपनी ने कहा कि वह मौजूदा संकट के मद्देनजर प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। कंपनी ने यह भी कहा कि इससे उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सप्ताहांत में कई कंपनियों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति एवं परिवहन को सुगम बनाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। देश में कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर ऑक्सीजन की मांग काफी बढ़ गई है।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि कंपनी दुनिया भर से ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा है कि 80 टन तरल ऑक्सीजन के साथ 4 आईएसओ क्रायोजेनिक टैंक का पहला शिपमेंट दम्मम से मुंद्रा के लिए रास्ते में है।
अदाणी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘आईएसओ क्रायोजेनिक टैंक के अलावा हम लिंडे साऊदी अरब से भी चिकित्सा उपयोग वाले 5,000 ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल कर रहे हैं। ये जल्द ही भारत भेजे जाएंगे। मैं इसमें मदद करने के लिए सऊदी अरब में हमारे राजदूत डॉ. ऑसफ सईद का आभारी हूं।’
तरल ऑक्सीजन के परिवहन की एक बड़ी बाधा क्रायोजेनिक कंटेनरों की कमी है। कंपनियां इस समस्या को दूर करने भी कोशिश कर रही हैं। आईटीसी ने कहा है कि उसने देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन में इस्तेमाल के लिए एशियाई देशों से 20 टन क्षमता के 24 क्रायोजेनिक आईएसओ कंटेनरों को भारत भेजने के लिए लिंडे इंडिया के साथ करार किया है। इसके अलावा आईटीसी बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंटे्रटर को एयरलिफ्ट कर रही है ताकि अस्पतालों में ऑक्सीजन के उत्पादन में उसका इस्तेमाल किया जा सके।
टाटा समूह का 4 क्रायोजेनिक कंटेनर की पहली खेप शनिवार को पहुंच गई। समूह देश में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने में मदद करने के लिए तरल ऑक्सीजन का परिवहन करने वाले 24 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात कर रहा है। टाटा स्टील विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को रोजाना करीब 300 टन तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।