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Sugar consumption: इस सत्र में कम रहेगी देश में चीनी की खपत

इस्मा के मुताबिक, 2024-25 में चीनी खपत 280 लाख टन रह सकती है।

Published by
संजीब मुखर्जी   
सुशील मिश्र   
Last Updated- January 02, 2025 | 9:59 PM IST

सितंबर में समाप्त 2023-24 के चीनी सत्र में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद 2024-25 चीनी वर्ष (एसवाई) में भारत में चीनी की खपत घटकर लगभग 280 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 15 लाख टन कम है। खपत में कमी का अनुमान मुख्य रूप से 2024 के आम चुनाव जैसा कोई बड़ा कार्यक्रम न होने की वजह से लगाया जा रहा है।

इंडियन शुगर ऐंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक इस साल के पहले 4 महीने में घरेलू बिक्री का कोटा (चीनी सत्र 2024-25) पिछले साल की समान अवधि से 7 लाख टन कम है। इसने कहा कि इसके पहले साल (चीनी सत्र 2023-24) में बिक्री के लिए ज्यादा कोटा आम चुनाव (अप्रैल-जून 2024) में बढ़ी मांग के कारण जारी किया गया था।

इस्मा ने एक बयान में कहा है, ‘इसे देखते हुए इस्मा का अनुमान है कि शेष महीनों में औसत घरेलू मासिक खपत करीब 23.5 लाख टन रहेगी औक 2024-25 चीनी सत्र में घरेलू खपत कम, करीब 280 लाख टन रहने का अनुमान है।’

इस्मा ने यह भी कहा है कि चालू विपणन वर्ष की पहली तिमाही में चीनी उत्पादन 16 प्रतिशत घटकर 95.40 लाख टन रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि से 18 लाख टन कम है। देश में चीनी उत्पादन में गिरावट की प्रमुख वजह महाराष्ट्र में कम उत्पादन और प्रमुख उत्पादक राज्यों में 18 से ज्यादा चीनी कारखानों में पेराई नहीं होना है।

First Published : January 2, 2025 | 9:59 PM IST