कम पूंजी के साथ शुरु किए जाने वाले कारोबार में शामिल सैलून देश के हर कोने में फल फूल रहे हैं। छोटा कारोबार समझा जाने वाला सैलून सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योग में शामिल हो चुका है। बदलते परिवेश में सैलून उद्योग अब बड़े कारोबारियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसके साथ ही उद्योग की तरफ से सैलून उद्योग को एक नियमक के दायरे में लाने की मांग उठने लगी है।
देश के छोटे-बड़े शहरों में हर तरीके के सैलून देखने को मिल जाएंगे। पिछले कुछ सालों से लक्जरी सैलूनों की मांग बढ़ने के बावजूद इस कारोबार में सबसे बड़ा हिस्सा फिलहाल असंगठित क्षेत्र का है।
अनुमान के मुताबिक देश में सैलून उद्योग करीब 20 हजार करोड़ रुपये का है जिसमें करीब 65 लाख सैलून, ब्यूटी पार्लर और छोटी दुकानें शामिल है। तेजी से फल फूल रहा सैलून उद्योग रोजगार के हिसाब से भी काफी महत्वपूर्ण है जिसके कारण नामी सैलून युवाओं को प्रशिक्षित भी कर रहे हैं।
लुक्स सैलून ग्रुप के सीईओ समीर श्रीवास्तव कहते हैं कि सौंदर्य उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। शहरी भारतीय उपभोक्ताओं के साथ छोटे शहरों में भी लोगों की सोच में बदलाव आने के कारण यह उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य 2029 तक भारत में टियर वन शहरों में 500 सैलून खोलने का है, जबकि टियर 2 शहरों की खोज करते हुए 51 शहरों में हमारे वर्तमान 213 सैलून से विस्तार करना है।
श्रीवास्तव कहते हैं दिल्ली की तरह देश के दूसरे बड़े शहरों में भी सैलून ट्रेनिंग स्कूल भी खोल जाएंगे। जिसमें हम युवाओं सैलून का हुनर सीखाने के साथ समाज में हो रहे बदलाव को समझाते हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। फायदे का कारोबार साबित हो रहे इस कारोबार में अब नकली ब्रांड बड़ी चुनौती बन चुकी है।
बीब्लंट (मामा अर्थ ग्रुप) इंडिया की सीईओ स्फूर्ति शेट्टी ने कहती है कि सौंदर्य उद्योग आगे बढ़ने और विस्तार की काफी संभावनाएं रखता है। अकेले पेशेवर हेयर केयर बाज़ार का मूल्य 2,100 करोड़ रुपये है, जो इसकी क्षमता का उदाहरण है। कारोबार बढ़ने के साथ उसमें भरोसा बनाएं रखना भी एक चुनौती है।
इस समय सैलून खोलने के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरुरत नहीं है। कोई भी सैलून खोल सकता है किसी के नाम से खोल सकता है जिससे नकली ब्रांड को प्रोत्साहन मिलता है। मेरी सरकार से मांग है कि दूसरे उद्योगों की तरफ सैलून को भी नियम कायदों के अंदर लाया जाएं।
नियामक के दायरे में आने से उत्तरदायित्व और जिम्मेदारी तय होगी जिससे ग्राहकों और उद्योग को फायदा होने के साथ सरकार के राजस्व को भी फायदा होगा।
उद्योग में बदलाव पर जोर देते हुए ग्रे ट्रेंडी प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ संजीव शर्मा कहते हैं कि दुनिया अब भारत को अग्रणी के रुप में देखती है। अब देशी ब्रांडों की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में वैश्विक बाजार हमारे सर्वोत्तम उत्पादों को सीखने और हासिल करने की कोशिश करेगा।
भारत में पुरुषों के सौंदर्य प्रसाधनों के बाजार में तेजी से विस्तार हो रहा है, जो वर्तमान में 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर है और 2029 तक 1900 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ग्रे ट्रेंडी प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड अपने पुरुषों के बार्बर सैलून चेन ब्रांड का विस्तार करेगी। 2025 तक अपने सैलूनों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का लक्ष्य है।
उद्योग के जगत के लोगों को कहना है कि अब पुरुष के साथ महिलाएं भी सैलून में आती है। महिलाओं की तरह पुरष भी सौंदर्य उत्पादों का जमकर इस्तेमाल करते हैं। जिसको देखते हुए आने वाले सालों में यह उद्योग तेजी से बढ़ेगा। इसीलिए अब समय आ गया है कि इस उद्योग को नियम कायदों के दायरे में लाया जाए।