कोयला इंडस्ट्री में 2035 तक चार लाख से ज्यादा माइनिंग संबंधी नौकरियां खत्म होने की आशंका है। यानी हर दिन करीब 100 श्रमिकों की नौकरी जा सकती है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई।
जलवायु प्रतिबद्धताओं या कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की नीतियों के बिना भी चीन और भारत में ऐसा होने की आशंका है।
‘ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर’ द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, इसकी प्रमुख वजह सस्ती विंड और ऊर्जा उत्पादन की ओर बाजार का बदलाव और कोयले के बाद अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के प्रबंधन के लिए योजना की कमी होगी।
अमेरिका स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर’ उभरते अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा परिदृश्य का विश्लेषण करता है। रिपोर्ट के अनुसार कोयला फैसिलिटीज के बंद होने की आशंका के कारण ऑपरेटिंग माइन्स में 9,90,200 कोयला-खनन नौकरियां समाप्त हो जाएंगी, संभावित रूप से मौजूदा कार्यबल के एक तिहाई (37 प्रतिशत) से अधिक की छंटनी होगी।
चीन और भारत के इससे सबसे अधिक प्रभावित होने की उम्मीद है। चीन के शांक्सी प्रांत में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक संख्या में नौकरियां जाएंगी। वहां 2050 तक 2,41,900 नौकरियां जा सकती हैं। वहीं कोल इंडिया में सदी के मध्य तक 73,800 नौकरियां खत्म हो सकती हैं।