भारत कुछ ही महीनों में पहली अपतटीय खनिज नीलामी करने जा रहा है, जिसमें 10 ब्लॉक शामिल होंगे। फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (फिमी) के एक कार्यक्रम के दौरान खनन सचिव वीएल कांता राव ने यह जानकारी दी। राव ने नीलामी को लेकर सरकार की तैयारियों पर जोर देते हुए कहा, ‘हम भारत के पूर्वी व पश्चिमी तट पर 10 ब्लॉकों के साथ तैयार हैं। इन ब्लॉकों में रेत, लाइम मड और पॉलिमेटैलिक नोडल्स शामिल हैं।’
उन्होंने उद्योगों को इन ब्लॉकों के अन्वेषण रिपोर्टों के अध्ययन और दिलचस्पी लेने वाले घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कारोबारियों को लाने पर जोर दिया। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने पॉलीमेटैलिक नोडल्स की पहचान की है, जिसे मैगनीज नोडल्स के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा अपतटीय क्षेत्रों में रेत और बजरी भी मौजूद है।
पॉलिमेटैलिक नोडल्स में प्राथमिक रूप से लोहा, मैंगनीज, निकल, तांबा और कोबाल्ट होते हैं। इसके अलावा, अपतटीय क्षेत्र में रेत और बजरी का भंडार होता है, जिसका इस्तेमाल निर्माण, समुद्र तट बनाने और जमीन को बेहतर बनाने के हिसाब से महत्त्वपूर्ण है। इसके साथ ही रेयर अर्थ एलीमेंट की भी खोज समुद्र के निचले हिस्से में की गई है।
अपतटीय खनिज हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में पाए जाते हैं, जो भारतीय प्रायद्वीप को घेरे हुए हैं। अपतटीय गतिविधियों में तेजी लाने के साथ भारत अपने व्यापक एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) में संभावनाओं की तलाश की ओर बढ़ रहा है। यह करीब 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह क्षेत्र भारत के प्रादेशिक जल की आधार रेखा से 200 नॉटिकल मील (370.4 किलोमीटर) तक फैला हुआ है।
महत्त्वपूर्ण खनिज अन्वेषण
सचिव ने खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) के कार्यों के बारे में भी जानकारी दी, जो 3 सार्वजनिक उद्यमों नैशनल एल्युमीनियम कंपनी, हिंदुस्तान कॉपर और मिनरल एक्सप्लोरेशन कंपनी का संयुक्त उपक्रम है। राव ने कहा कि अर्जेंटीना में काबिल ने आवंटित किए गए 5 ब्लॉकों में से 3 में नॉन इनवेसिव एक्सप्लोरेशन शुरू कर दिया है, जिसे 2 साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
उसके बाद वह ड्रिलिंग लाइसेंस की मांग करेगी। अर्जेंटीना में खनन गतिविधियां करीब 2 साल में शुरू होने की संभावना है। भारत ने अर्जेंटीना में 5 लीथियम खदानों के अधिग्रहण के लिए जनवरी में समझौता किया था। काबिल ने अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिए बोलिविया और चिली से बातचीत चल रही है।