वेदांत के स्वामित्व वाली देश की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने एशिया का पहला कम कार्बन वाला ग्रीन जिंक ब्रांड ईकोजेन पेश किया है, जिसे विशेष रूप से वाहन क्षेत्र में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।
अक्षय ऊर्जा का उपयोग करते हुए निर्मित किए गए ईकोजेन का कार्बन फुटप्रिंट वैश्विक औसत से तकरीबन 75 प्रतिशत कम है। इकोजेन में प्रत्येक टन जिंक उत्पादन पर एक टन से भी कम कार्बन उत्सर्जन का दावा किया जा रहा है। यह पहल साल 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन स्तर प्राप्त करने के हिंदुस्तान जिंक के लक्ष्य के अनुरूप है। एक टन इस्पात का गैल्वनाइज करने में ईकोजेन के इस्तेमाल से करीब 400 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है।
वाहन उद्योग जिंक का बड़ा उपभोक्ता है, खास तौर पर इस्पात को जंग से बचाने के लिए गैल्वनाइजेशन के मामले में। ईकोजेन का मानना है कि इसके कम कार्बन फुटप्रिंट के कारण यह कार विनिर्माताओं के लिए अवसर प्रस्तुत करता है।