प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
राजस्व विभाग ने होटलों की रेस्टोरेंट सेवाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कथित रूप से कम भुगतान के नोटिस जारी करने के बाद ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म से जानकारी मांग कर अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
इसका उद्देश्य यह देखना है कि क्या होटल इन पोर्टलों के माध्यम से की गई बुकिंग के कर योग्य मूल्य को सही ढंग से घोषित कर रहे हैं। क्या जीएसटी का भुगतान इन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से ग्राहकों द्वारा भुगतान की गई कुल राशि पर की जानी चाहिए या केवल उस राशि पर जो वास्तव में प्लेटफॉर्म के कमीशन को काटने के बाद होटलों द्वारा प्राप्त की जाती है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) अधिकारियों ने बुकिंग-स्तर के डेटा की मांग करते हुए प्लेटफॉर्मों को लिखा है। इसके तहत कुल ग्राहक भुगतान, बरकरार रखा गया कमीशन और होटलों को भेजी गई राशि की जानकारी मांगी गई है। विभाग यह विश्लेषण कर रहा है कि क्या होटलों ने अपने टर्नओवर से कमीशन वाले हिस्से को छोड़कर कर का कम भुगतान किया है।
खबर लिखे जाने तक वित्त मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। पुणे की चोररोधी शाखा ने महाराष्ट्र स्थित होटल से ऑनलाइन ट्रैवल इंटरमीडियरी से बुकिंग की जानकारी मांगी है।
यह पत्र बिजनेस स्टैंडर्ड ने देखा है। इस पत्र में यह जानकारी मांगी गई है कि मेहमान की भुगतान की गई राशि और होटल को भेजी गई राशि के बीच अंतर पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इंटरमीडियरी ने लिखित उत्तर में बताया कि ग्राहक के वाउचर पर दिखाई गई बुकिंग राशि में उसका कमीशन, कर और अन्य शुल्क शामिल हैं। स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) जैसी वैधानिक कटौती व कमीशन काटने के बाद शेष राशि होटल को रहने के लिए निपटान के रूप में हस्तांतरित की जाती है।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि स्वयं के कमीशन पर जीएसटी का भुगतान अलग से किया जाता है। कर विभाग ने वर्ष 2019-20 के बाद के वर्षों की बुकिंग का आंकड़ा मांगा है। इसमें यह जांचा गया है कि क्या ऐसे ही मू्ल्यांकन तरीके का इस्तेमाल किया गया है।
इस तरह के लेनदेन में तीन पक्ष – होटल, ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट (ओटीए) और ग्राहक होते हैं। सूत्रों के अनुसार इसलिए इन लेनदेन को शामिल किया गया है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई मेहमान ओटीए के माध्यम से होटल के कमरे के लिए ₹8,500 का भुगतान करता है और ओटीए होटल को ₹7,000 का भुगतान करने से पहले ₹1,500 कमीशन के रूप में रखता है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या जीएसटी ₹8,500 पर लागू होना चाहिए या ₹7,000 पर।रस्तोगी चैंबर्स के संस्थापक अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा, ‘कानून स्पष्ट है कि जीएसटी केवल होटल को उसकी सेवा के लिए प्राप्त राशि पर लागू होना चाहिए।