केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत का लक्ष्य दूरसंचार क्षेत्र में 6जी के 10 प्रतिशत पेटेंट हासिल करने का है। देश वैश्विक मंच पर डिजिटल के अगुआ के रूप में उभर गया है। बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के उद्घाटन सत्र के दौरान सिंधिया ने कहा कि देश की महत्वाकांक्षाएं सब लोगों तक 5जी का कवरेज सुनिश्चित करने या इस तकनीक से जुड़े विभिन्न उपयोगों की खोज करने से कहीं ज्यादा हैं।
सिंधिया ने कहा, ‘वह दिन दूर नहीं, जब लोग कहेंगे कि दुनिया भारत पर निर्भर है। मैं आज आप सभी से अपील करता हूं – यहां डिजाइन करें, यहीं समाधान करें, हर जगह के लिए पैमाना तय करें। भारत नवाचार करता है और दुनिया बदल जाती है।’ उन्होंने कहा कि उपग्रह संचार बाजार आज लगभग 4 अरब डॉलर का है जो साल 2033 तक तिगुना होकर 15 अरब डॉलर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत दुनिया की डिजिटल प्रतिभा की सबसे बड़ी शक्ति होगा।
सिंधिया ने कहा कि सरकार उपग्रह संचार निगरानी सुविधा में 900 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जो देश के डेटा संसाधनों और स्पेक्ट्रम परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए आधुनिक केंद्र के रूप में कार्य करेगी। बाद में पैनल चर्चा के दौरान सिंधिया ने कहा कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 18,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुका है।
उन्होंने कहा, ‘पीएलआई योजना (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना) के साथ प्रधानमंत्री के संकल्प के परिणामस्वरूप आज लगभग 91,000 करोड़ रुपये का नया उत्पादन हुआ, 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ और 30,000 नए रोजगार सृजित
हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत अब दूसरे देशों की निर्मित प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता बनने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि 6जी युग के आगमन के साथ इस प्रौद्योगिकी-सक्षम परिवर्तन के प्रभाव से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 1.2 लाख करोड़ डॉलर की वृद्धि होगी। सिंधिया ने कहा कि 6जी तकनीक ऐसी क्रांति है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में बदलाव लाने की क्षमता है।