आने वाले समय में उत्पादन क्षमता में होने वाली बढ़ोतरी के दौरान मांग पूरी करने के लिए इंडियन मेटल्स ऐंड फेरो एलॉयज लिमिटेड (आईएमएफए) अपने ओडिशा स्थित महागिरि व सुकिंदा खदान में उत्पादन बढ़ाने पर अगले 5-6 वर्ष में 900 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी प्रेम खंडेलवाल ने कहा, खनन में पूंजीगत खर्च की खातिर आगामी वर्षों में हमारी योजना जमीन के अंदर चरणबद्ध तरीके से खनन करने की है। वित्त वर्ष 26 तक हमारी योजना 8.5 लाख टन तक पहुंचने की है। अंतत: वित्त वर्ष 27 में यह 12 लाख टन पर पहुंच जाएगा।
अभी कंपनी का कुल खनन उत्पादन 6.5 लाख टन है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कंपनी ने पूंजीगत खर्च की कोई योजना नहीं बनाई है लेकिन वित्त वर्ष में उसकी योजना कलिंगनगर में 1 लाख टन क्षमता वाला संयंत्र लगाने की है, जिस पर करीब 550 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च होंगे।
खंडेलवाल ने कहा, कलिंनगर में विस्तार के लिए हमारी योजना आंतरिक संग्रह से खर्च करने की है क्योंंकि वित्त वर्ष 22 में मार्च तक हम कर्ज मुक्त हो जाएंगे। 25 नवंबर, 2021 को हमारे पास करीब 230 करोड़ रुपये नकद थे। उन्होंंने कहा, कंपनी का कर्ज अभी 280 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय खनन मंत्रालय ने हाल में खनन कानून में बदलाव किया है, जिसमें खुद की खदान से अयस्क का उत्पादन करने वालोंं को खुले बाजार में बेचने की अनुमति मिली है, लेकिन आईएमएफए की इसमें भागीदारी की योजना नहीं है।
खंडेलवाल ने कहा, हमारे पास खुले बाजार में बेचने के लिए सरप्लस नहीं है और तब भी नहींं होगा जब हमारा विस्तार 12 लाख टन तक हो जाएगा। कुल उत्पादन का उपभोग कलिंगनगर के आगामी फर्नेस में हो जाएगा। वास्तव में हम उसी स्थान पर तीसरा फर्नेस लगाने पर विचार कर सकते हैं क्योंकि जमीन उपलब्ध है।
आईएमएफए मोटे तौर पर दक्षिण पूर्व एशियाई बाजार की मांग पूरी करती है और उसका 90 फीसदी उत्पादन निर्यात हो जाता है और बाकी देसी बाजार में रह जाता है।
