इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की अनुशासन समिति संस्थान के अनुशासन निदेशालय की सिफारिश पर बैजूस मामले की जांच कर रही है। आईसीएआई के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने आज संवाददाताओं को यह जानकारी दी। अग्रवाल ने कहा, ‘अनुशासन समिति निदेशालय की प्रथम दृष्टया राय को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है। फिलहाल वे इस मामले की जांच कर रहे हैं।’
आईसीएआई के वित्तीय समीक्षा और नियामक बोर्ड ने पिछले साल इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था और एडटेक कंपनी के खातों में खामियां पाई थीं। इसके बाद उसने इस मामले को आईसीएआई के अनुशासन निदेशालय को भेज दिया था। वित्तीय ब्योरा जमा करने में 22 महीने की देरी की वजह से बैजूस के वित्तीय खुलासे आईसीएआई की जांच के दायरे में आ गए थे।
आईसीएआई परिवार कारोबारों के सलाहकारों और सीए के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है, ताकि उन्हें ऐसी कंपनियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझने के लिए तैयार किया जा सके। 7 जनवरी को शुरू किए जा रहे इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में उत्तराधिकार योजना, पारिवारिक प्रशासन का गठन, रकम जुटाने और स्वामित्व संरचना के संबंध में विवादों को हल करने जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
संस्थान ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) टूल – सीए जीपीटी भी पेश किया है जो चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को 5,000 सूचीबद्ध कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट तक आसान और तेज पहुंच प्रदान करता है। एआई सीए की जगह नहीं लेगा। लेकिन जिन सीए के पास एआई की समझ है, वे बिना एआई वाले सीए की जगह जरूर ले लेंगे।