सबसे बड़ी आईटी सेवा और सलाहकार फर्म एक्सेंचर के दूसरी तिमाही के ताजा आंकड़ों ने भले ही भारतीय आईटी शेयरों की कीमतों पर असर डाला हो फिर भी कंपनी जेनएआई में 1.1 अरब डॉलर के सौदे करने में सफल रही है।
अगर टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएलटेक और विप्रो जैसे प्रतिस्पर्धियों से तुलना करें तो ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। शीर्ष स्तर की भारतीय आईटी सेवा कंपनियों ने अभी जेनएआई सेगमेंट में बड़े सौदों के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है।
एक्सेंचर ने हाल में समाप्त तिमाही की घोषणा के बाद कहा कि उसने जेनएआई में 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा मूल्य के सौदे किए है। इससे कंपनी की कुल जेनएआई आर्डर बुक बढ़कर 1.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। सितंबर-अगस्त वित्त वर्ष पर अमल करने वाली एक्सेंचर ने पहली तिमाही में 45 करोड़ डॉलर मूल्य के जेनएआई सौदे किए। कंपनी ने यह भी स्वीकार किया है कि यह नई टेक्नोलॉजी कैटेगरी में दर्ज किया जाने वाला सबसे तेज सौदा है।
वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एक्सेंचर की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी जूली स्वीट ने कहा, ‘वर्ष के पहले 6 महीने में 1 अरब डॉलर की बिक्री सबसे तेज है जो हमने उभरती प्रौद्योगिकी में दर्ज की है।
ग्राहक अब एआई की महत्ता समझ रहे हैं और वे उद्यम के हरेक हिस्से में नवीनता लाना चाह रहे हैं।’कंपनी पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि जेनएआई में इतने बड़े सौदे हासिल करने की एक्सेंचर की क्षमता से उसकी मजबूत स्थिति का पता चलता है।
एवरेस्ट ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी पीटर बेंडर-सैमुअल ने कहा, ‘एक्सेंचर के दमदार प्रदर्शन से दुनिया की अग्रणी टेक सेवा फर्म के तौर पर उसकी हैसियत का पता चलता है। यदि आप कुल राजस्व में एआई का प्रतिशत देखें तो वे अभी भी आगे हैं, लेकिन बढ़त का अंतर कम हुआ है। स्पष्ट है कि ग्राहक अब पायलट जेनएआई के साथ साथ इन परीक्षणों के उत्पादन में तब्दील होने दोनों को लेकर उत्सुक हैं।’
वह बताती हैं कि इन सेवाओं को बेचने में सबसे आगे रहने के अलावा एक्सेंचर टेक्नोलॉजी इस्तेमाल में भी आगे है। कंपनी जल्द और दूसरों से पहले निवेश करना पसंद करती है। इसलिए वह सभी अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम रहती है।
विश्लेषकों का यह भी कहना है कि जो सफलता एक्सेंचर ने हासिल की है, वह दूसरों के लिए संभव नहीं हो सकती है। कंपनी के वित्तीय परिणाम के बाद कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जेनएआई सौदों में मजबूत तेजी का मतलब बेहतर डिस्क्रेशनरी खर्च नहीं है। डिस्क्रेशनरी खर्च के अन्य हिस्सों में कटौती का इस्तेमाल जेनरेटिव एआई प्रयोग के बजट के वित्त पोषण के लिए किया गया है।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, एक्सेंचर की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि जेनरेटिव एआई पीओसी को बड़े पैमाने पर उत्पादन में लगाने के लिए अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सकते हैं।