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एचडीएफसी लाइफ में 50 फीसदी हिस्से की अनुमति मांग रहा एचडीएफसी बैंक

Last Updated- December 11, 2022 | 8:13 PM IST

निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर बीमा सहायक एचडीएफसी लाइफ में एचडीएफसी लिमिटेड की मौजूदा 47.82 फीसदी बनाए रखने की इजाजत मांगी है। इसके अलावा बैंंक ने कहा है कि आरबीआई हमें बाजार से कंपनी की अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने की इजाजत दे ताकि बीमा कंपनी में हमारी हिस्सेदारी 50 फीसदी हो जाए।
एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारिख ने कहा, आरबीआई का नियम कहता है कि या तो आपको पास 50 फीसदी से ज्यादा या फिर 30 फीसदी हो और बीमा सहायक में हमारे पास 48 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में हमने आरबीआई के सामने मामला रखा है और हमें इतनी ही हिस्सेदारी बनाए रखने की इजाजत मिल सकती है या फिर हमें अतिरिकक्त हिस्सा खरीदने को कहा जा सकता है, जो हम आसानी से कर सकते हैं और बैंंकिंग नियामक के 50 फीसदी हिस्सेदारी के नियम का अनुपालन कर सकते हैं।
सोमवार को एचडीएफसी लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडलों ने विलय की मंजूरी दे दी। विलय के बाद एचडीएफसी बैंक 100 फीसदी सार्वजनिक स्वामित्व वाली कंपनी होगी और एचडीएफसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास एचडीएफसी बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी। आरबीआई व अन्य नियामकीय मंजूरी के बाद एचडीएफसी लिमिटेड की सहायक फर्मों का स्वामित्व एचडीएफसी बैंक के पास चला आएगा। एचडीएफसी लिमिटेड के प्रबंधन ने ये बातें कही।
पारिख ने कहा, बैंंक ने आरबीआई से एसएलआर, सीआरआर, प्राथमिकता क्षेत्र के कर्ज और सहायक फर्मों की कुछ परिसंपत्तियों व देनदारी को लेकर ग्रैंडफादरिंग के मामले में चरणबद्ध तरीका अपनाने का अनुरोध किया है। 1 अप्रैल को लिखे पत्र में यह मांग की गई है और आरबीआई इस पर विचार कर रहा है।
एचडीएफसी लिमिटेड की एचडीएफसी लाइप में 47.82 फीसदी हिस्सेदारी है। एचडीएफसी अर्गो में भी उसकी 49.98 फीसदी हिस्सेदारी है, जो मॉर्गेज फाइनैंसर की सामान्य बीमा इकाई है।

First Published - April 4, 2022 | 11:31 PM IST

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