कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर हर्ष वर्धन लोढ़ा को एमपी बिड़ला समूह की पांच निवेश कंपनियों के निदेशक मंडल से हटा दिया गया है। प्रशासकीय पैनल (एपीएल कमिटी) ने लोढ़ा को ईस्ट इंडिया इन्वेस्टमेंट, ग्वालियर वेबबिंग, बड़ौदा एजेंट्स और ट्रेडिंग कंपनी पंजाब प्रोड्यूस ऐंड ट्रेडिंग कंपऽी और पंजाब प्रोड्यूस होल्डिंग्स के निदेशक मंडल से हटा दिया है। निवेश फर्मों की अध्यक्षता एपीएल कमिटी के न्यायिक सदस्य मोहित शाह हैं।
बिड़ला की ओर से कहा गया कि कंपनी मामलों के मंत्रालय ने 18 नवंबर से लोढ़ा के निदेशक पद से हटाए जाने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। लोढ़ा ने कलकत्त उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पांच निवेश कंपनियों के निदेशक पद से हटाए जाने के मोहित शाह के निर्णय को चुनौती दी थी। यह पहला मौका है जब लोढ़ा को एमपी बिड़ला समूह की कंपनियों से हटाया गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने आदेश दिया था कि प्रियंवदा बिड़ला की वसीयत से संबंधित मामले के लंबित होने तक लोढ़ा को एमपी बिड़ला समूह की किसी भी कंपनियों में कोई पद पर नहीं रहना चाहिए।
लोढ़ा ने इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी थी जिसने अंतरिम स्थगन देने से इनकार कर दिया। आदेश को बिड़ला और लोढ़ा ने अलग-अलग तरीके से व्याख्या किया था। खंडपीठ के स्पष्टीकरण के बाद लोढ़ा ने 5 नवंबर को बिड़ला कॉर्पोरेशन और 9 नवंबर को सूचीबद्घ केबल कंपनियों यूनिवर्सल केबल्स तथा विंध्य टेलीलिंक्स की तथा 10 नवंबर को बिड़ला केबल की बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की थी। बिड़ला पक्ष ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता करना अवैध तथा अदालत के आदेश का उल्लंघन था। उन्होंने लोढ़ा के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की बात कही थी। बिड़ला के प्रवक्ता ने कहा था, ‘लोढ़ा लगातार अदालत के आदेश की अवलेहना कर रहे हैं और एपीएल कमिटी के आदेश को दरकिनार कर गलत तरीके से एमपी बिड़ला समूह की कंपनियों के बोर्ड में बने हुए हैं। हम उन्हें अदालत के आदेश की अवहेलना करने से रोकने के लिए फिर अदालत जाएंगे।’
लोढ़ा का पक्ष रखने वाले फॉक्स ऐंड मंडल के पार्टनर देवांजन मंडल ने कहा कि शाह द्वारा की गई कार्रवाई अनुचित है और खंडीपीठ के आदेश का पालन नहीं किया गया है। लोढ़ा के पक्ष ने कहा कि निवेश कंपनियों के चेयरमैन होने के नाते शाह ने अपनी तरफ से लोढ़ा को कंपनियों के बोर्ड से हटाने का निर्णय लिया है और 1 अक्टूबर के बाद से होने वाली बोर्ड बैठकों के बारे में उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक समुचित तरीके से चेयरमैन नियुक्त किए बिना की गई और इसमें नियमों का भी ध्यान नहीं रखा गया। लोढ़ा ने कहा कि पांच निवेश फर्मों के निदेशक मंडल से लोढ़ा को हटाए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर 20 नवंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।
