facebookmetapixel
NPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा

जून में भी उद्योगों के कर्ज में तेजी बरकरार

Last Updated- December 11, 2022 | 5:12 PM IST

बैंकों से कर्ज लिए जाने में जून महीने में भी तेजी जारी रही। विभिन्न क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में वृद्धि दर 9.5 से 18.5 प्रतिशत के बीच रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज में जून महीने में 9.5 प्रतिशत वृद्धि (जून 2021 में 0.6 प्रतिशत संकुचन आया था) हुई है। जून में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में वृद्धि दर मार्च 2022 में सालाना आधार पर हुई वृद्धि दर की तुलना में 7.1 प्रतिशत अधिक थी।
आकार के हिसाब स देखें तो मझोले उद्योगों को दिया जाने वाला कर्ज पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जून में 47.6 प्रतिशत बढ़ा है, जो एक साल पहले के समान महीने में 59 प्रतिशत था। वहीं सूक्ष्म और लघु उद्योगों को कर्ज 29.6 प्रतिशत बढ़ा है, जो एक साल पहले 11.6 प्रतिशत था। बड़े उद्योगों के क्षेत्र में कर्ज में वृद्धि 3.3 प्रतिशत रही है, जबकि जून 2021 में 4.8 प्रतिशत का संकुचन आया था।
बैंकरों ने कहा कि कर्ज लेने में वृद्धि अब आंशिक रूप से आर्थिक गतिविधियों में विस्तार की वजह से है. साथ ही इनपुट लागत बढ़ने के कारण ज्यादा कार्यशील पूंजी सीमा और महंगी बाजार उधारी की जगह बैंक से कर्ज लेने के कारण उद्योग की ओर से कर्ज की मांग में तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वृद्धि को पिछले साल जून महीने में कोविड 19 की दूसरी लहर के बाद आए आर्थिक व्यवधान के कारण कमजोर मांग के हिसाब से भी देखा जा सकता है।

First Published - July 30, 2022 | 1:07 AM IST

संबंधित पोस्ट