वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) तेजी से भारतीय बाजार से राजस्व हासिल करने पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय बाजार शुरू से प्रतिभा का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है। बीते कुछ वर्षों से भारतीय बाजार की संभावनाओं पर काम चल रहा है, लेकिन हाल ही में कंपनियां गति पकड़ रही हैं।
नैसकॉम-जिनॉव की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1,580 से अधिक जीसीसी हैं। इसका कुल बाजार आकार 46 अरब डॉलर का है और ये 11.4 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है।
अमेरिकी प्लानव्यू के लिए फिलहाल भारत छोटा बाजार है और उसके कुल राजस्व में इसकी हिस्सेदारी 5 फीसदी से कम है। वह भी अपने कारोबार का विस्तार चाहती है। पिछले साल प्लानव्यू ने बेंगलूरु में अपना वैश्विक क्षमता एवं नवाचार केंद्र (जीसीआईएसी) शुरू किया गया और अगले चार वर्षों में विस्तार के लिए 12.5 करोड़ डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है।
प्लानव्यू के वैश्विक मुख्य कार्य अधिकारी रजत गौरव ने कहा, ‘वृद्धि दर के लिहाज से भारत तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है। हमारे जीआईसी के अलावा पिछले साल हमने भारत से राजस्व अवसर बढ़ाने के लिए यहां अपनी गो-टु-मार्केट टीम पेश की थी। हमने अपने साल में बेहतर प्रदर्शन किया है और इस वर्ष इसे दोगुना करने का प्रयास कर रहे हैं।’
गौरव ने कहा, ‘हमने पहले ही वाहन, फार्मा और बीएफएसआई में करीब 15 बड़ी कंपनियों और व्यापारिक घरानों के साथ करार किया है और भारत में हमारी प्रगति भी तेज है। हम अगले एक साल में भारत में अपने कारोबार का आकार दोगुना करना चाहते हैं।’
डॉयचे बैंक के लिए भारत निवेश के अपार अवसरों वाले एक वृद्धि वाला बाजार है। डॉयचे इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रौद्योगिकी के केंद्रों के वैश्विक प्रमुख दिलीप कुमार खंडेलवाल ने कहा, ‘भारत में हमारे केंद्र प्रतिभा केंद्रों से अधिक हैं। वे बैंक का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जो हमारे ग्राहकों को असाधारण मूल्य प्रदान करने पर केंद्रित हैं। हम सेवाओं एवं समाधानों को बनाने और नवोन्मेष के लिए प्रोद्योगिकी की विशाल क्षमता का लाभ लेना चाहते हैं।’
पिछले कुछ वर्षों में डॉयचे इंडिया काफी तेजी से बढ़ा है। विभिन्न विभागों में 18 हजार से अधिक कर्मचारी हैं। खंडेलवाल का कहना है, ‘हमारी नियुक्तियों में सकारात्मक प्रवृत्ति देखी जा रही है और यह हमारी वृद्धि की रणनीति के अनुरूप है।’