ताइवान की प्रौद्योगिकी दिग्गज फॉक्सकॉन यूरोप, भारत और लैटिन अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण पर विचार कर रही है, जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से जर्मन की वाहन विनिर्माताओं के साथ सहयोग करना शामिल है। फॉक्सकॉन के चेयरमैन लियू यॉन्ग-वे ने बुधवार को यह जानकारी दी।
फॉक्सकॉन, जिसे औपचारिक रूप से होन हे प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड कहा जाता है, का लक्ष्य वैश्विक ईवी बाजार में एक प्रमुख भागीदार बनना है और इसने अमेरिका की स्टार्टअप फिस्कर इंक तथा थाईलैंड के ऊर्जा समूह पीटीटी पीसीएल के साथ गठजोड़ किया है। सोमवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के तीन प्रोटोटाइप का अनावरण करने के बाद ताइपे में एक व्यापार मंच पर संवाददाताओं के साथ बात करते हुए लियू ने कहा कि ‘खुलासा प्रतिबंधों’ के कारण वह यूरोप, भारत और लैटिन अमेरिका के लिए अपनी योजनाओं का कोई विवरण नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा ‘यूरोप कुछ तेज रहेगा, मैं इस बात से सहमत हूं। लेकिन कहां, यह मैं आपको नहीं बता सकता।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वे जर्मन की कार फर्मों के साथ सहयोग करेंगे, उन्होंने कहा ‘अप्रत्यक्ष रूप से’। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस घटनाक्रम में यूरोप पहले रहेगा, फिर भारत और लैटिन अमेरिका। उन्होंने कहा कि मेक्सिको की संभावना काफी है।
मई में फॉक्सकॉन और कार विनिर्माता स्टेलैंटिस ने पूरे वाहन उद्योग को इन-कार और कनेक्टेड-कार प्रौद्योगिकी की आपूर्ति करने के लिए एक संयुक्त उद्यम सृजित करने की एक योजना की घोषणा की थी।
फॉक्सकॉन ने इसी महीने इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण के लिए अमेरिका की स्टार्टअप लॉर्डस्टाउन मोटर्स कॉर्प से एक कारखाना खरीदा था। अगस्त में इसने वाहनों के चिप की भविष्य की मांग पूरी करने के लिए ताइवान में एक चिप संयंत्र खरीदा था।
ऐपल इंक के वास्ते आईफोन बनाने के लिए प्रसिद्ध फॉक्सकॉन ने वर्ष 2025 और 2027 के बीच दुनिया के 10 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पुर्जे या सेवाएं उपलब्ध करने का लक्ष्य रखा है।