एरिक्सन मोबिलिटी की अगस्त की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की दूसरी तिमाही भारत में 70 लाख नए उपभोक्ता जुड़े हैं, जो विश्व में सबसे ज्यादा हैं।
राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बाद चीन (50 लाख) और अमेरिका (30 लाख) का स्थान है। बहरहाल भारत में मोबाइल की पहुंच 70 प्रतिशत है, जबकि चीन में 120 प्रतिशत है। वैश्विक स्तर पर मोबाइल सबस्क्रिप्शन की पहुंच 105 प्रतिशत है।
मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक रूप से 5जी सबस्क्रिप्शन की संख्या 2023 की दूसरी तिमाही में 17.5 करोड़ बढ़ी है। भारत में व्यापक रूप से 5जी नेटवर्क का प्रसार हो रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि इसमें बड़ी हिस्सेदारी भारत की होगी।
वैश्विक स्तर पर मोबाइल उपभोक्ताओं की कुल संख्या 8.3 अरब है, जिसमें इस तिमाही के दौरान शुद्ध रूप से 4 करोड़ उपभोक्ता जुड़े हैं। विशेष मोबाइल ग्राहकों की संख्या वैश्विक रूप से 6.1 अरब है।
मोबाइल ब्रॉडबैंड सबस्क्रिप्शन इस तिमाही में करीब 10 करोड़ बढ़ा है और कुल संख्या 7.4 अरब हो गई है। इसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5 प्रतिशत वृद्धि हुई है। कुल मोबाइल सबस्क्रिप्शन में मोबाइल ब्रॉडबैंड 88 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में वैश्विक रूप से 5जी सबस्क्रिप्शन बढ़कर 1.3 अरब हो गया है। करीब 260 कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडरों (सीएसपी) ने वाणिज्यिक 5जी सेवा शुरू की है। करीब 35 सीएसपी ने स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क शुरू किया है।
स्टैंडअलोन (एसए) मोड में केवल 5जी के लिए नेटवर्क बनाया जाता है, जबकि नॉन स्टैंडअलोन (एनएसए) मोड में 5जी नेटववर्क को मौजूदा 4जी रेडियोनेटवर्क के टॉपअप के रूप में बनाया जाता है। रिलायंस जियो ने 5जी नेटवर्क एसए मोड में पेश किया है, जबकि भारती एयरटेल ने एनएसए का विकल्प चुना है।