हीरो इलेक्ट्रिक पर जुर्माने के मामले में इस हफ्ते नया मोड़ आया, जब कंपनी ने भारी उद्योग विभाग से कहा कि वह अपने ऊपर लगा 140 करोड़ रुपये का जुर्माना निपटाना चाहती है। कंपनी ने 21 नवंबर को सरकार को पत्र भेजकर यह बात कही। भारी उद्योग विभाग ने पीएमपी निर्देशों और अन्य मसलों के कथित उल्लंघन के मामले में हीरो इलेक्ट्रिक सहित सात कंपनियों को नोटिस भेजा था और उनसे जुर्माना मांगा था।
कंपनी ने विभाग से कहा है कि साफ तौर पर सरकार ने हर मामले पर अलग से विचार किया है और उसी के हिसाब से हर एक कंपनी पर लगा जुर्माना निपटाया है। हीरो ने कहा कि वह भी उसी तर्ज पर जांच के बाद उल्लंघन पाए जाने पर अपने ऊपर लगाया गया कोई भी जुर्माना निपटाना चाहती है।
हीरो इलेक्ट्रिक ने कहा कि इसीलिए उसने भारी उद्योग विभाग से बैठक के लिए कहा है क्योंकि सरकार ने जुर्माना निपटाने का कोई तरीका उसे नहीं बताया है।
कंपनी ने कहा कि इसे देखते हुए इस विषय पर अधिकारियों से मशविरा करना जरूरी है, जैसा अन्य कंपनियों के जुर्माने के मामले में किया गया था।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली हीरो इलेक्ट्रिक कहती रही है कि पिछले 22 महीनों से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उसका मामला बेवजह अटकाया गया है। मगर सरकार केवल 8 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का कंपनी का प्रस्ताव सितंबर में ही ठुकरा चुकी है।
हीरो ने कहा था कि जिस अवधि में उसके और विभाग के बीच मतभेद रहे, उसका 8 करोड़ रुपये जुर्माना बनता है, जो वह चुका देगी मगर 140 करोड़ रुपये जुर्माना उस पर नहीं बनता।
कंपनी ने कहा था कि उस दौरान उसने विभाग से मिले सर्टिफिकेशन के तहत काम किया, इसीलिए उसका मामला दूसरी कंपनियों से अलग है।
भारी उद्योग विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने हीरो इलेक्ट्रिक संदेश मिलने की बात स्वीकारते हुए कहा, ‘कंपनी मामला निपटाना चाहती है तो उसका स्वागत है। हमने ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को दिया गया प्रारूप या तरीका हीरो इलेक्ट्रिक को भी दिया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि मामला खत्म करने के लिए नोटिस में मांगी गई रकम और उस पर बनने वाला पूरा जुर्माना देना होगा।’
बहरहाल हीरो इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कई सप्ताहों से विभाग के साथ उनकी कोई बात नहीं हुई। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा प्रस्ताव तथ्यों पर आधारित था, जो दूसरी कंपनियों से बिल्कुल अलग है।’
इस मामले में नया मोड़ तब आया जब ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने सरकार से नोटिस मिलने के बाद अक्टूबर में सब्सिडी के 124 करोड़ रुपये लौटा दिए।
कंपनी ने सार्वजनिक बयान में कहा कि नोटिस में लगाए गए आरोपों को नहीं मानने के बाद भी उसने उपभोक्ताओं को हितों का ध्यान रखते हुए और लंबी कानूनी लड़ाई से बचने के लिए 124 करोड़ रुपये लौटाने का निर्णय लिया है।
सरकार ने इस वर्ष अप्रैल में सात से अधिक कंपनियों को नोटिस जारी कर नियमों के कथित उल्लंघन के लिए कुल 469 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था। इनमें हीरो इलेक्ट्रिक के अलावा ओकीनावा, बेनलिंग इंडिया, रिवॉल्ट, एमो मोबिलिटी और लोहिया आटो भी थीं।