टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने कहा है कि वह इस बात के आभारी हैं कि उन्हें टाटा समूह के नेतृत्व का अवसर मिला।
टाटा समूह के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मिस्त्री ने कहा कि इस समूह में उन्हें विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों की विविध पृष्ठभूमि के लोगों के साथ काम करने का अवसर मिला था। मिस्त्री ने एक बयान में कहा है, ‘उस अवसर के लिए, मैं सदा आभारी रहूंगा।’
मिस्त्री ने कहा, ‘नेतृत्व में बड़े बदलाव से गुजर रहे टाटा समूह में मेरा मकसद निर्णय लेने और प्रशासन संबंधित बोर्ड-केंद्रित एक मजबूत प्रणाली सुनिश्चित करना था, जो किसी एक व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा व्यापक हो। इसका मुख्य ध्यान विभिन्न बोर्डों के निदेशकों को किसी भय या पक्षपात के बगैर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सक्षम बनाना था। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना भी था कि शेयरधारकों के नजरिये को रणनीति और कार्यों में शामिल किया जाए। मेरा मानना है कि यह एक ऐसा मॉडल है जो टाटा संस और उसकी विभिन्न समूह कंपनियों में सभी शेयरधारकों के लिए वैल्यू को सुरक्षित बनाएगा।’
मिस्त्री का कहना है कि उनके प्रदर्शन की उन विभिन्न टाटा बोर्डों के करीब 50 स्वतंत्र निदेशकों द्वारा समीक्षा की गई थी, जिनके लिए उन्होंने काम किया। उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन मानक के अलावा, मैं अपने पूर्व सहयोगियों तथा अन्य बोर्ड सदस्यों से मिले लगातार सहयोग से बेहद उत्साहित हूं। इस शानदार प्रदर्शन से मेरे स्वयं के कार्यों की सराहना का पता चलता है। हासिल की गईं सभी उपलब्धियां बेहद प्रतिभाशाली टीम के प्रयासों पर आधारित थी जिसमें मेरी एक्जीक्यूटिव मैनेजमेंट टीम (जीईसी), प्रबंधक और टाटा संस के स्टाफ के साथ साथ टाटा समूह द्वारा परिचालन कर रही कंपनियों की प्रबंधन टीमें शामिल थीं।’
मिस्त्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान, उन्हें अपने कार्यों को दर्शाने और यह साबित करने का अवसर मिला कि वह नेतृत्व में बेहतर बदलाव का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘जहां मेरे पारे में कई खामियां हो सकती हैं, लेकिन मैंने जो राह चुनी, उसे लेकर मुझे कोई संदेह नहीं था।’
समाज का हरेक सदस्य उनके या उनके कार्यों तथा औचित्य के समर्थन एवं प्रमाणन के लिए अदालत जैसी संस्थाओं की ओर देखता रहा है। मिस्त्री ने कहा कि चूंकि टाटा संस के अल्पांश शेयरधारक के तौर पर, मुझे हमारे मामले के संबंध में फैसले के परिणाम से निजी तौर पर निराशा हाथ लगी। मिस्त्री ने कहा, ‘हालांकि अब मैं टाटा समूह के प्रशासन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मेरा मानना है कि जो मुद्दा मैंने उठाया है, उसका व्यापक असर दिखेगा।’