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Explainer: शीर्ष आईटी कंपनियों के लिए कमजोर रही वित्त वर्ष की पहली तिमाही, नतीजों ने किया निराश

शीर्ष नेतृत्व की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि निकट भविष्य की मांग कमजोर बनी हुई है। कंपनियां अब लागत दक्षता और AI आधारित डिजिटल बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

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निमिष कुमार   
Last Updated- July 27, 2025 | 8:23 PM IST

भारत की शीर्ष आईटी सेवा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल–जून) में एकल-अंकीय राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जो वैश्विक मैक्रोइकॉनॉमिक अस्थिरता, भूराजनीतिक तनावों और क्लाइंट्स के फैसलों में देरी के कारण प्रभावित रही। हालांकि कंपनियों ने सावधानीपूर्ण आशावाद बनाए रखा है, लेकिन उनके शीर्ष नेतृत्व की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि निकट भविष्य की मांग कमजोर बनी हुई है। कंपनियां अब लागत दक्षता और AI आधारित डिजिटल बदलाव पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। जैसे-जैसे तकनीकी खर्च उत्पादकता और प्लेटफॉर्म आधुनिकीकरण की ओर शिफ्ट हो रहा है, आईटी सेवा प्रदाताओं पर दबाव और संभावनाएं दोनों बढ़ रही हैं।

Q1 रिपोर्ट कार्ड: IT Companies का मिला-जुला प्रदर्शन

कंपनी राजस्व (₹ करोड़) YoY राजस्व वृद्धि शुद्ध लाभ (₹ करोड़) YoY लाभ वृद्धि
TCS 63,437 1.3% 12,760 5.9%
Infosys 42,279 7.5% 6,921 8.6%
Wipro 22,135 0.8% 3,336.5 9.8%
HCLTech 30,349 8.1% 3,843 -9.7%
Tech Mahindra 13,351.2 2.65% 1,140.6 33.9%

भारत की टॉप टियर आईटी फर्म्स — TCS, Infosys, Wipro, HCLTech, और Tech Mahindra — की पहली तिमाही की वर्ष-दर-वर्ष (YoY) राजस्व वृद्धि 0.8% से 8.1% के बीच रही:

कंपनियों ने बताया कि डिस्क्रीशनल (वैकल्पिक) खर्च में देरी और क्लाइंट्स की सतर्कता प्रमुख कारण रहे। TCS के CEO के. कृतिकेवन ने कहा कि “डिमांड में संकुचन” हुआ है, जो आर्थिक और भूराजनीतिक अनिश्चितताओं से प्रेरित है। उन्होंने FY26 में दो अंकों की ग्रोथ की संभावना से इनकार किया। “पिछली तिमाही में निर्णय लेने में जो देरी देखी गई थी, वह अब और तेज हो गई है,” कृतिकेवन ने कहा।

Infosys ने 7.5% की वृद्धि और $3.8 बिलियन के बड़े सौदे दर्ज किए। CEO सलिल पारेख ने कहा कि हालांकि वैश्विक आर्थिक स्थिरता में सुधार हो रहा है, लेकिन लॉजिस्टिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर अभी भी प्रभावित हैं। “स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई है… ग्राहक लागत और दक्षता पर केंद्रित हैं।”

Axis Securities और Nuvama Institutional Equities जैसे ब्रोकरेज हाउसों ने अगले 1–2 तिमाहियों के लिए चुनौतियों भरे माहौल की चेतावनी दी है, खासतौर पर टैरिफ असहमति, भूराजनीतिक तनाव और मुख्य बाजारों (जैसे उत्तरी अमेरिका और यूरोप) की मंदी के कारण।

हालांकि, Nuvama का मानना है कि मध्यम से लंबी अवधि में संभावनाएं मजबूत रहेंगी, क्योंकि कंपनियों में “टेक्नोलॉजी डेट” बहुत अधिक है और जैसे ही अर्थव्यवस्था स्थिर होगी, खर्च में सुधार आएगा।

प्रमुख आईटी कंपनियों की स्थिति

🔹 Wipro

  • राजस्व: ₹22,135 करोड़ (+0.77%)
  • लाभ: ₹3,336.5 करोड़ (+9.8%)
  • CEO श्रीनिवास पल्लिया ने वैश्विक अनिश्चितता को मांग में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया।
  • ग्राहक लागत में कटौती, वेंडर समेकन और AI परियोजनाओं पर केंद्रित हैं।
  • डिस्क्रीशनल खर्च सीमित और असमान बना हुआ है।

🔹 HCLTech

  • राजस्व: ₹30,349 करोड़ (+8.1%)
  • लाभ: ₹3,843 करोड़ (-9.7%)
  • गिरावट का कारण खर्चों में वृद्धि और एक क्लाइंट की दिवालियापन बताया गया।
  • CEO सी विजयकुमार ने कहा कि यह तिमाही ऐतिहासिक रूप से कमजोर रही है, लेकिन वातावरण अपेक्षित रूप से स्थिर रहा।

🔹 Tech Mahindra

  • राजस्व: ₹13,351.2 करोड़ (+2.65%)
  • लाभ: ₹1,140.6 करोड़ (+33.9%)
  • लाभ के मामले में टॉप प्रदर्शन करने वालों में शामिल।
  • लागत अनुशासन और मार्जिन सुधार से लाभ में उछाल आया।

आईटी कंपनियों का कहना है कि डिस्क्रीशनल प्रोजेक्ट्स में देरी हो रही है, लेकिन AI ट्रांसफॉर्मेशन, डेटा मॉडर्नाइजेशन और कुशलता बढ़ाने वाली पहलें क्लाइंट्स की प्राथमिकता बन रही हैं। “बाजार अब केवल क्षमता पर नहीं, बल्कि ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित है,” एक मुंबई स्थित ब्रोकरेज के वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा। “यह चक्रीय मंदी नहीं, बल्कि खरीद व्यवहार में एक संरचनात्मक बदलाव है।”

जबकि निकट भविष्य में दबाव जारी रहेगा, लागत दक्षता, AI अपनाना, और तकनीकी आधुनिकीकरण जैसे विषय भारतीय आईटी क्षेत्र की मध्यम अवधि की ग्रोथ को आगे बढ़ा सकते हैं। जैसा कि Infosys ने कहा — “ग्राहकों को निर्णय लेने में समय लग रहा है — लेकिन वे निर्णय ले रहे हैं।” रास्ता चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन भारतीय आईटी सेक्टर पुनर्गठन कर रहा है — पीछे नहीं हट रहा।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published : July 27, 2025 | 8:23 PM IST