कर्नाटक के बेंगलूरु में एक्साइड इंडस्ट्रीज की नई लीथियम आयन सेल विनिर्माण इकाई का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसके पहले चरण का वाणिज्यिक उत्पाद वित्त वर्ष 2025 के अंत तक शुरू हो जाने का अनुमान है। एक्साइड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुबीर चक्रवर्ती ने कंपनी की मंगलवार को हुई सालाना आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को यह जानकारी दी।
12 गीगावॉट प्रति घंटा (जीडब्ल्यूएच) की क्षमता वाला यह संयंत्र विभिन्न चरणों में स्थापित किया जाएगा। छह गीगावॉट प्रति घंटा के पहले चरण में तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। छह हजार करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत आंतरिक संसाधनों और ब्रिज लोन के जरिये पैसा जुटाकर पूरी की जाएगी।
चक्रवर्ती ने कहा कि एक्साइड ने देश में मल्टी-गीगावॉट प्रति घंटा वाला लीथियम सेल विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि इससे हमें शीघ्र आगे बढ़ने का लाभ मिलेगा जिससे हमें काफी फायदा होगा।
उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में वृद्धि से वैश्विक स्तर पर लीथियम आयन बैटरी की मांग को बढ़ावा मिल रहा है। चक्रवर्ती ने कहा कि हमारे आंतरिक अनुमान से पता चलता है कि लीथियम-आयन बैटरी की हमारी लगभग 70 प्रतिशत वार्षिक मांग वाहन अनुप्रयोगों के लिए और शेष 30 प्रतिशत औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए होने की उम्मीद है।
हालांकि कर्नाटक में संयंत्र पर काम चल रहा था, इसके बावजूद एक्साइड का लीथियम-आयन का सफर गुजरात में उसकी सहायक कंपनी एक्साइड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (ईईपीएल) के तहत शुरू हो चुका था, जो नेक्सचार्ज ब्रांड का संचालन करती है। चक्रवर्ती ने कहा कि नेक्सचार्ज के पास लगभग 700 करोड़ रुपये की ऑर्डर बुक है जिसे अगले 12 से 15 महीनों में निपटाया जाएगा।