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ऊंचे इंटरेस्ट से बिगड़ी कमाई, कंपनियों के मुनाफे व आय वृद्धि में दिखा दबाव

Published by
कृष्ण कांत
Last Updated- January 22, 2023 | 9:54 PM IST

अभी तक कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जो नतीजे जारी किए हैं, उनसे संकेत मिलता है कि कंपनियों का मुनाफा और आय वृद्धि आगे और भी कम रह सकते हैं।

225 कंपनियों के नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में महज 2.5 फीसदी बढ़ा है। मुनाफे में बढ़ोतरी पिछली दस तिमाही में सबसे कम है। इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री इस दौरान 18.2 फीसदी बढ़ी, जो पिछली सात तिमाही में सबसे कम वृद्धि है।

तिमाही नतीजे जारी करने वाली जो कंपनियां बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल हैं, उनका कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 90,293 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 88,124 करोड़ रुपये था।

बीएफएसआई क्षेत्र से इतर कंपनियों का प्रदर्शन ज्यादा खराब रहा है। उनका कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.5 फीसदी घटा है।

वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में गैर-बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 54,698 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 58,783 करोड़ रुपये से कम है। इन कंपनियों की शुद्ध बिक्री पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 16.1 फीसदी बढ़ी है, जो सात तिमाही में सबसे कम बढ़ोतरी है।

विश्लेषकों का कहना है कि कोविड महामारी के बाद आर्थिक सुधार और मांग की रफ्तार थमने तथा परिचालन एवं पूंजी लागत बढ़ने से कंपनियों के मुनाफे में कमी आई है।

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के निदेशक और शोध एवं रणनीति प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘महामारी के बाद कंपनियों की आय और मुनाफे में वृद्धि मुख्य रूप से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अप्रत्याशित राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहनों की वजह से आई थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है और वृहद आर्थिक माहौल भी चिंताजनक हो गया है, जिससे कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।’ घरेलू और विदेशी मांग प्रभावित होने से वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में भी कंपनियों की आय वृद्धि नरम रहेगी।

ब्याज लागत में लगातार बढ़ोतरी और बिक्री में कमी कंपनियों के लिए चुनौती बनी हुई हैं। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नमूने में शामिल कंपनियों की ब्याज लागत एक साल पहले से 27.8 फीसदी बढ़ी है, जो चार साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी है।

विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की कंपनियों पर ऊंची ब्याज दर का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। गैर-बीएफएसआई कंपनियों की ब्याज लागत वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में साल भर पहले से 32.6 फीसदी बढ़ी है, जो पिछली 15 तिमाही में सबसे अधिक वृद्धि है।

परिचालन मुनाफे में वृद्धि और ब्याज लागत बढ़ोतरी के बीच बढ़ते अंतर से कंपनियों के ब्याज कवरेज अनुपात में भी कमी आई है। ब्याज कवरेज अनुपात कंपनियों की ऋण भुगतान की क्षमता दर्शाता है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि आगे और भी कंपनियों के नतीजे जारी होने के बाद आय और मुनाफे पर तस्वीर ज्यादा साफ होगी।

First Published : January 22, 2023 | 9:54 PM IST