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मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स ने गुरुवार को प्राइवेट क्रेडिट सेक्टर में कदम रखने का ऐलान किया। इसके लिए कंपनी 3,000 करोड़ रुपये जुटाने वाला एक नया फंड लाएगी। भारत में प्राइवेट क्रेडिट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे समय में कंपनी एक अलग और मल्टीलेवल इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी अपनाने की तैयारी में है। कंपनी का मानना है कि भारत के क्रेडिट सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है और यह निवेश उसके लिए बड़ा अवसर होगा। बता दें कि मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप की अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स ने प्राइवेट क्रेडिट कारोबार शुरू करने के लिए नियामकीय प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने बताया, “पहला फंड 3,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें 1,500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प भी शामिल है।
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प्रस्तावित फंड सिक्योर्ड लेंडिंग यानी सुरक्षित ऋण देने पर ध्यान देगा। यह फंड मझोले और बड़े कॉरपोरेट्स के लिए खास तौर पर तैयार किए गए कस्टम सॉल्यूशन प्रदान करेगा। फंड का लक्ष्य जोखिम के अनुरूप अच्छा रिटर्न कमाना होगा। इसके लिए यह सीधे लोन से मिलने वाले ब्याज और इक्विटी से मिलने वाले संभावित लाभ दोनों का फायदा उठाएगा।
फिलहाल, कंपनी लगभग 3.2 अरब डॉलर की संपत्तियों को मैनेज कर रही है। मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स के चेयरमैन विशाल तुलस्यान ने कहा, “पिछले दो दशकों में हमने प्राइवेट इक्विटी और रियल एस्टेट में एक मजबूत पहचान बनाई है। अब प्राइवेट क्रेडिट में विस्तार करना हमारी बिजनेस स्ट्रैटेजी का अगला कदम है।”
कंपनी में प्राइवेट क्रेडिट के हेड रक्षत कपूर का कहना है कि भारत का प्राइवेट क्रेडिट बाजार अब काफी परिपक्व हो चुका है और तेजी से बढ़ रहा है। उनके अनुसार, मजबूत प्रदर्शन करने वाले मिड-मार्केट कॉरपोरेट्स अपनी जरूरतों के अनुसार लचीली और बिना हिस्सेदारी घटाए जाने वाली ग्रोथ कैपिटल की तलाश में हैं।
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मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट्स अब तक 23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम 11 प्राइवेट इक्विटी और रियल एस्टेट फंड रणनीतियों के जरिए जुटा चुका है। कंपनी को उम्मीद है कि प्राइवेट क्रेडिट फंड जुड़ने के बाद अगले साल तक उसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 3.5 अरब डॉलर से ज्यादा हो जाएगा।