आर इन्फ्राटेल मामले में दोहा बैंक की याचिका बरकरार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:31 AM IST

नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दोहा बैंक की उस याचिका को बरकरार रखा है जिसमें रिलायंस इन्फ्राटेल के वित्तीय लेनदारों को प्राथमिकता के आधार पर भुगतान करने की मांग की गई है। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि इससे कंपनी के ऋणदाताओं को 3,515 करोड़ रुपये की वसूली होगी।
लेनदारों के बकाये का भुगतान एनसीएलटी के तहत ऋण समाधान प्रक्रिया के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की एक सहायक इकाई को परिसंपत्तियों की बिक्री से प्राप्त करीब 4,400 करोड़ रुपये में से किया जाना है।
सूत्रों के अनुसार, इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक को 728 करोड़ रुपये, महिमा मर्केंटाइल को 514 करोड़ रुपये, एससी लोवी को 511 करोड़ रुपये, वीटीबी कैपिटल पीएलसी को 511 करोड़ रुपये, दोहा बैंक को 409 करोड़ रुपये, एमिरेट्स एनबीडी को 322 करोड़ रुपये, आईसीबीसी को 278 करोड़ रुपये और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को 242 करोड़ रुपये मिलेंगे।
सूत्रों ने कहा, ‘रिलायंस इन्फ्राटेल को भी आरआईएल की सहायक इकाई से इक्विटी एवं कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए 455 करोड़ रुपये मिलेंगे। शेष रकम का इस्तेमाल परिचालन लेनदारों, कर्मचारियों आदि के बकाये के भुगतान में किया जाएगा।’
एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने 3 दिसंबर 2020 को रिलायंस इन्फ्राटेल की समाधान योजना को आरआईएल की सहायक इकाई- रिलायंस प्रोजेक्ट्स ऐंड प्रॉपटी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड के पक्ष में मंजूरी दी थी। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा था कि इसके जरिये प्राप्त रकम का वित्तीय लेनदारों के बीच वितरण दोहा बैंक की याचिका के निपटारे के बाद किया जाएगा।

First Published : March 3, 2021 | 11:46 PM IST