केंद्र सरकार एमेजॉन और फ्लिपकार्ट समेत एक दर्जन से अधिक कंपनियों के साथ बैठक करेगी, जिसमें ई-कॉमर्स पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई) के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी।
यह बैठक ऐसे समय होगी, जब विदेशी निवेश नियमों या नीति में स्पष्टीकरण को लेकर बहुत अधिक उम्मीदें हैं। इस नीति से एमेजॉन जैसी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियम कड़े हो सकते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘प्रेस नोट 2 (दिसंबर, 2018 में डीपीआईआईटी द्वारा जारी) पर विस्तृत चर्चा होगी। डीपीआईआईटी के अधिकारी इस मुद्दे पर 17 मार्च से संबंधित भागीदारों के साथ बैठकें कर रहे हैं। उन्हें लिखित में अपनी राय विभाग को देने को कहा गया है।’
अधिकार ने कहा, ‘नीति में किसी स्पष्टीकरण या संशोधन पर अंतिम फैसला वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल लेंगे।’ इस बैठक की अध्यक्षता उद्योग एवं आंतरिक कारोबार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) सचिव गुरुप्रसाद महापात्र करेंगे। इस बैठक में रिलायंस जियो, स्नैपडील, पेटीएम मॉल, स्विगी जैसी अन्य कंपनियां भी हिस्सा लेंगी।
पिछले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निवेशकों को एक कड़ा संदेेश भेजा था और उनसे आग्रह किया था कि वे कानून की कमजोरियों का फायदा उठाने के बजाय उसकी ‘भावना’ और दायरे में बने रहें। मंत्री ने निवेशकों से आग्रह किया कि वे मौजूदा कानूनों के प्रावधानों से बचने और दुरुपयोग करने के रास्ते न खोजें क्योंकि इससे सरकार को एफडीआई नीति में संशोधन या स्पष्टीकरण जारी कर खामियों को दूर करने जैसे कदम उठाने पड़ते हैं। इसके अलावा घरेलू कारोबारी संस्थाएं सरकार से आग्रह कर रही हैं कि भारी छूट, तरजीही विक्रेताओं को प्रोत्साहन और सभी को समान मौके नहीं देने के रूप में एफडीआई नीति का उल्लंघन करने वाली कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।