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Akasa Air को DGCA का नोटिस, खराब रखरखाव मानकों पर जवाब तलब; कोहरे में पायलट तैनाती पर भी सख्ती

मौके पर जांच से उत्पन्न यह ऐसा मसला है, जब हाल में नियामक के साथ विमानन कंपनी को दूसरा बार टकराव का सामना करना पड़ा है।

Last Updated- December 15, 2024 | 10:20 PM IST
Akasa Air

नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस साल अगस्त में बेंगलूरु हवाई अड्डे पर की गई मौका जांच के दौरान ‘खराब रखरखाव मानकों’ और ‘खामियां’ पाए जाने के बाद अकासा एयर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। मौके पर जांच के दौरान नियामक ने पाया कि विमान कंपनी के बी737 मैक्स विमानों में से एक पर विमान का रखरखाव करने वाले इंजीनियर ने दाएं नोज व्हील पर टायर प्रेशर इंडिकेटर सिस्टम (टीपीआईएस) ठीक से नहीं लगाया था।

अधिकारियों के अनुसार वह दाएं हाथ के नोज व्हील पर टीपीआईएस-टिप्स सेंसर की ‘पॉजिटिव लॉकिंग’ करने में विफल रहा, लेकिन फिर भी उसने विमान को उड़ान के लिए फिट प्रमाणित कर दिया और इसे सेवा में वापस आने की अनुमति मिल गई। डीजीसीए के अनुसार ये खामियां इंजीनियर के ‘खराब रखरखाव मानकों और प्रमाणन के कारण हुई थीं।’ डीजीसीए ने कहा कि इस खामी से विमान नियम, 1937 की धारा 61 का उल्लंघन हुआ है।

इन नियमों के अनुसार अगर कोई लाइसेंसधारी इंजीनियर निर्दिष्ट रखरखावों को ​सुनि​श्चित किए बिना विमान को सेवा में लेने का अनुमति प्रमाणपत्र जारी करता है, तो उसे चेतावनी, फटकार अथवा उसके लाइसेंस के निलंबन या स्थायी रूप से रद्द किए जाने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। अकासा एयर ने इस मामले पर बयान के लिए बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।

अधिकारियों के अनुसार विमान कंपनी के इंजीनियर को 9 दिसंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उसे अपना जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। उसका जवाब मिलने के बाद ही नियामक अपना अंतिम आदेश जारी करेगा।

मौके पर जांच से उत्पन्न यह ऐसा मसला है, जब हाल में नियामक के साथ विमानन कंपनी को दूसरा बार टकराव का सामना करना पड़ा है। 10 दिसंबर को डीजीसीए ने अकासा एयर को निर्देश दिया कि वह कोहरे से प्रभावित सभी छह प्रमुख हवाई अड्डों पर केवल कैट-3 प्रशिक्षित पायलटों को ही तैनात करने के उसके आदेश का तुरंत पालन करे, जबकि वह विमान कंपनी के कुछ छूट के अनुरोधों की समीक्षा भी कर रहा है।

सूत्रों ने बताया कि अकासा एयर ने 29 नवंबर को विमानन नियामक से अनुरोध किया था कि वह कोहरे से प्रभावित दो प्रमुख हवाई अड्डों – कोलकाता और बेंगलूरु से आने-जाने वाली उड़ानों पर कैट-3 में प्रशिक्षित पायलटों की तैनात में छूट प्रदान करे, क्योंकि उसके रोस्टर में ऐसे पायलटों की कमी है।

First Published - December 15, 2024 | 10:20 PM IST

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