ऑनलाइन स्किल गेमिंग संगठनों ने एक संयुक्त पत्र लिखकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भारत में सभी प्रकार के Real Money Games (RMG) पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ हस्तक्षेप करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि इस कदम से 400 से अधिक कंपनियां बंद हो सकती हैं और 2 लाख से अधिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
उद्योग निकायों, द ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ), द ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) और द फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) ने कहा कि इन गेमिंग मंच पर पूर्ण प्रतिबंध उद्योग के लिए ‘सफाए की घंटी’ साबित होगी। निकायों ने गृह मंत्री से बैठक का अनुरोध किया है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि पूर्ण प्रतिबंध, लाखों भारतीय उपयोगकर्ताओं को बाहर की संस्थाओं, रातोंरात गायब होने वाले गेमिंग संचालकों और मटका नेटवर्क की सेवाएं लेने के लिए मजबूर कर सकता है जो ऐसे मंच होते हैं जो किसी भी कानूनी ढांचे से बाहर काम करते हैं और जो असुरक्षित हैं। ऐसे मंच पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भारत में गेम खेलने वालों की संख्या लगभग 50 करोड़ है और इस क्षेत्र ने उद्योग के अनुमानों के अनुसार 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है।
इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में ड्रीम11, गेम्स24×7, जंगली गेम्स, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल), हेड डिजिटल वर्क्स, जूपी, गेम्सक्राफ्ट, नजारा टेक्नोलॉजीज और अन्य शामिल हैं। संयुक्त पत्र में कहा गया है, ‘इस विधेयक के कारण, लाभार्थी अवैध विदेशी जुआ संचालक होंगे। अगर वैध भारतीय कारोबार बंद हो जाते हैं तब अनियमित परिचालक इस जगह को भर देंगे। इससे राज्य और राष्ट्रीय स्तर का कर राजस्व कम हो जाएगा, जबकि भारतीय उपयोगकर्ता अनियमित मंच के संपर्क में आ जाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1 लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान कर सकती है।
सरकार ने भारत में सभी प्रकार के ऑनलाइन आरएमजी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक मसौदा कानून को अंतिम रूप दे दिया है जिसे बुधवार को संसद में पेश किया गया। मसौदा विधेयक में यह प्रस्ताव दिया गया कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों या किसी अन्य व्यक्ति को ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित किसी भी लेनदेन को सुगम नहीं बनाना चाहिए।