दिल्ली मुख्यालय वाली कंपनी डालमिया भारत (Dalmia Bharat) द्वारा जेपी समूह (Jaypee Group) के सीमेंट कारोबार का अधिग्रहण के बाद सीमेंट क्षेत्र में एकीकरण के अगले दौर की शुरुआत ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। डालमिया भारत ने इसी हफ्ते 5,666 करोड़ रुपये में जेपी समूह के सीमेंट कारोबार का अधिग्रहण करने का ऐलान किया है। दिलचस्प है कि इस सौदे के बाद घरेलू सीमेंट बाजार में तीसरे स्थान की लड़ाई तेज हो गई है। वर्तमान में श्री सीमेंट 4.7 करोड़ टन सालाना क्षमता के साथ घरेलू सीमेंट बाजार की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।
डालमिया भारत के पास फिलहाल 3.7 करोड़ टन सालाना सीमेंट उत्पादन की क्षमता है और इस सौदा के पूरा होने पर कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़कर 4.64 करोड़ टन सालाना हो जाएगी। कंपनी ने कहा कि जेपी समूह के सीमेंट इकाइयों के अधिग्रहण से डालमिया भारत की उत्पादन क्षमता में 94 लाख टन सालाना का इजाफा होगा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में श्री सीमेंट के चेयरमैन एचएम बांगड़ ने कहा कि कंपनी अगले 15 महीने में अपने सीमेंट उत्पादन क्षमता में 90 लाख टन सालाना का इजाफा करने जा रही है, जिससे उसकी कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर सालाना 5.64 करोड़ टन हो जाएगी। बांगड़ ने कहा, ‘कंपनी अधिग्रहण और मौजूदा संयंत्रों के विस्तार के जरिये उत्पादन क्षमता बढ़ाने की मजबूत रणनीति तैयार की है और इस दिशा में वह दृढ़संकल्प है। उन्होंने कहा, ‘कंपनी अधिग्रहण की संभावना भी तलाश रही है। सच तो यह है कि हमने जेपी की सीमेंट संपत्तियों के अधिग्रहण पर भी विचार किया था। लेकिन हम जिन बाजारों में जाना चाहते हैं, उसके लिहाज से यह सौदा हमारे लिए अनुकूल नहीं था। इसलिए हमने इसे नहीं खरीदने का फैसला किया।’
बांगड़ ने कहा, ‘अगले 15 महीने में कंपनी के तीन नए संयंत्र चालू होने वाले हैं। इनमें पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, राजस्थान में सूरतगढ़ और आंध्र प्रदेश में एक एकीकृत संयंत्र शामिल है। ये संयंत्र कंपनी की उत्पादन क्षमता में 90 लाख टन प्रति वर्ष की और बढ़ोतरी करेंगे।’ बांगड़ ने कहा कि उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होने के बाद घरेलू बाजार में तीसरे स्थान पर कंपनी की पैठ और मजबूत हो जाएगी और बाजार में एकीकरण का कोई असर नहीं पड़ेगा।
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हालिया सौदे से डालमिया भारत मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और उत्तर प्रदेश सहित देश के मध्य हिस्से में अपनी पहुंच बनाने में सफल होगी। सीमेंट क्षेत्र के विश्लेषकों के अनुसार मध्य भारत में सीमेंट की खपत देश की कुल मांग का करीब 15 फीसदी है। लेकिन इस बाजार के तेजी से विकास करने की संभावना है क्योंकि यहां प्रति व्यक्ति सीमेंट की खपत 170 किलोग्राम है, जो काफी कम है।