कोविड से संबंधित दवाओं की दमदार बिक्री के बल पर सिप्ला ने घरेलू बाजार की बिक्री में लगातार तीसरे महीने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने अपनी बिक्री में 13.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जबकि भारतीय औषधि बाजार की वृद्धि महज 1.3 फीसदी रही। रेमडेसिविर जैसी कोविड संबंधी दवाओं की बिक्री को अलग कर दिया जाए तो वृद्धि महज 4 फीसदी के दायरे में दिखेगी। हालांकि यह अब भी बाजार की वृद्धि के मुकाबले अधिक है।
कोविड संबंधी दवाओं की बिक्री में आगे चलकर कमी आने के आसार हैं लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू बाजार में सिप्ला का दमदार प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की बिक्री रफ्तार को गंभीर बीमारियों के दवा पोर्टफोलियो से रफ्तार मिलेगी। कंपनी की कुल बिक्री में क्रॉनिक पोर्टफोलियो (गंभीर बीमारियों से संबंधित दवा) की हिस्सेदारी 55 फीसदी है। घरेलू कारोबार के पुनर्गठन यानी जेनेरिक, प्रेस्क्रिप्शन और ओवर द काउंटर दवाओं को साथ लाने से तालमेल को बेहतर करने और पहुंच बढ़ाने में मदद मिलने के असार हैं।
सितंबर तिमाही के दौरान कंपनी के कुल राजस्व में भारत का योगदान करीब 41 फीसदी रहा। तिमाही के दौरान घरेलू वृद्धि में इन तीनों श्रेणियों का योगदान करीब 17 फीसदी रहा। कोविड संबंधी दवा और क्रॉनिक पोर्टफोलियो के अलावा प्रेस्क्रिप्शन कारोबार से मिली मदद ने अस्पताल कारोबार में वृद्धि की।
