facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

फ्यूचर एंटरप्राइजेज की दौड़ में सेंट्रल बैंक, जेसी फ्लावर्स एआरसी

Race to buy future enterprises : ग्लोब कैपिटल मार्केट्स, ब्रेस्कॉन रियल्टी, यूनिवर्थ फिनलीज और ओडिशा मेट​लिक्स कंपनी के लिए अन्य संभावित बोलीदाता हैं।

Last Updated- February 08, 2024 | 11:03 PM IST
फ्यूचर एंटरप्राइजेज की दौड़ में सेंट्रल बैंक, जेसी फ्लावर्स एआरसी, Central Bank, JC Flowers ARC join race to bid for Future Enterprises

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जेसी फ्लावर्स एआरसी भी दिवालिया कंपनी फ्यूचर एंटरप्राइजेज की परिसंपत्तियों के ​लिए बोली लगाने की दौड़ में शामिल हो गई हैं। कंपनी की दो बीमा उद्यमों में संयुक्त हिस्सेदारी है। कैपरी ग्लोबल और ऑथम इन्वेस्टमेंट उन आठ कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने कंपनी के लिए बोली लगाने में रुचि दिखाई है। फ्यूचर एंटरप्राइजेज की घोषणा से यह जानकारी मिली।

ग्लोब कैपिटल मार्केट्स, ब्रेस्कॉन रियल्टी, यूनिवर्थ फिनलीज और ओडिशा मेट​लिक्स कंपनी के लिए अन्य संभावित बोलीदाता हैं। फ्यूचर एंटरप्राइजेज के पास फ्यूचर जेनराली इंडिया इंश्योरेंस में 25 फीसदी और फ्यूचर जेनराली लाइफ इंश्योरेंस में 33 फीसदी हिस्सेदारी है।

बैंकरों ने कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बीमा क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहता है और उसके पास अभी फ्यूचर एंटरप्राइजेज की अल्पांश हिस्सेदारी है। दोनों बीमा संयुक्त उद्यम में बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाली जेनराली को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के साथ ज्यादा सुविधा होगी। एक बैंकर ने ये बातें कही। ऑथम, कैपरी और जेसी फ्लावर्स ने कंपनी के सभी कारोबारों के लिए बोली लगाई है जबकि सेंट्रल बैंक की दिलचस्पी बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी में है।

खबर थी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस कंपनी के लिए बोली लगा ससकती है लेकिन मुकेश अंबानी की कंपनी ने प्रक्रिया में देरी के कारण इरादा छोड़ दिया। फ्यूचर समूह की कंपनियों को दिवालिया संहिता के तहत कर्ज समाधान के लिए भेजा गया था क्योंकि समूह लेनदारों के 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान में चूक गया था। साल 2020 में रिलायंस रिटेल के साथ समूह की सभी कंपनियों के विलय की योजना नाकाम हो गई थी क्योंकि लेनदारों ने योजना पर सहमति नहीं जताई।

पिछले साल अप्रैल में 49 कंपनियों ने मूल कंपनी फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण के लिए अभिरुचि पत्र जमा कराया था, लेकिन बाध्यकारी पेशकश के समय ज्यादातर पीछे हट गईं। फ्यूचर समूह की कंपनियों का संघर्ष महामारी से पहले शुरू हो गया था जब 420 शहरों में उसके 1800 स्टोर और शोरूम बंद हो गए थे। फ्यूचर रिटेल के लिए दिल्ली की फर्म स्पेस मंत्रा की पेशकश पिछले साल लेनदारों ने ठुकरा दी थी।

First Published - February 8, 2024 | 11:03 PM IST

संबंधित पोस्ट