चुनाव के चलते मंदी के दौर के बावजूद, पूंजीगत और इंजीनियरिंग कंपनियों के लिए मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही शानदार रही है क्योंकि इन कंपनियों को 2 ट्रिलियन रुपये से अधिक रकम के ताजा ऑर्डर मिले। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों के लिए मांग का रुझान मिला-जुला रहा जबकि सीमेंट क्षेत्र की मांग में मंदी देखी गई वहीं सड़क क्षेत्र में भी कमजोर मांग जैसी स्थिति दिखी।
बीएसई पर दी गई सूचना के मुताबिक इंजीनियरिंग क्षेत्र में शीर्ष पांच कंपनियों लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल), केईसी इंटरनैशनल और कल्पतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनैशनल (केपीआईएल) ने सम्मिलित रूप से कुल 2.04 ट्रिलियन रुपये के ताजा ऑर्डर मिलने की सूचना दी है।
इन कंपनियों को रक्षा, निजी एवं सार्वजनिक ऊर्जा क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय कारोबार जैसे प्रमुख क्षेत्रों से नए ऑर्डर मिले हैं। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में एलऐंडटी, केईसी इंटरनैशनल, बीएचईएल और केपीआईएल ने 2.09 ट्रिलियन रुपये तक का ऑर्डर मिलने की सूचना दी थी। हालांकि इन आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज को सभी ऑर्डर मिलने का खुलासा नहीं करती हैं। वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में एचएएल के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।
सितबंर 2024 को खत्म हुई तिमाही (दूसरी तिमाही) में एलऐंडटी ने बीएसई को सूचना दी कि कंपनी को 47,500 करोड़ रुपये तक के ऑर्डर मिले। हालांकि एलऐंडटी प्रत्येक ऑर्डर की वैल्यू का खुलासा नहीं करता लेकिन 47,500 करोड़ रुपये इसकी सम्मिलित ऊपरी सीमा है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एलऐंडटी को 1.18 ट्रिलियन रुपये के ऑर्डर मिले।
अन्य ऑर्डर में बीएचईएल और एचएएल को दूसरी तिमाही के दौरान क्रमशः 27,000 करोड़ रुपये और 26,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही की अवधि के दौरान बीएचईएल को 36,480 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले जो पिछले एक वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। एचएएल के प्रबंधन ने वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में एक वर्ष की अवधि में 47,000 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद जताई थी।