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कनाडा की ब्रुकफील्ड ने किया ATC India का अधिग्रहण, बनेगी टेलीकॉम टावर मैनेज करने वाली सबसे बड़ी कंपनी

रिलायंस जियो Brookfield Asset Management की प्रमुख ग्राहक है। ATC का कारोबार अपनी झोली में डालने के बाद ब्रुकफील्ड का जॉइंट वेंचर 253,000 टावर का होने की उम्मीद है।

Last Updated- January 05, 2024 | 11:37 PM IST
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कनाडा की ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट ने अमेरिकन टावर कॉर्पोरेशन (एटीसी) के भारतीय कारोबार को 16,628 करोड़ यानी करीब 2 अरब डॉलर में खरीदने का फैसला किया है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि भारत के दूरसंचार क्षेत्र में चार साल के भीतर यह उसका तीसरा सौदा है और अब ब्रुकफील्ड दूरसंचार टॉवर प्रबंधन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।

इस सौदे के तहत ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के सहयोगी द्वारा प्रायोजित डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (डीआईटी), एटीसी इंडिया की 100 प्रतिशत इक्विटी का अधिग्रहण करेगा।

डीआईटी इस समय समिट डिजिटेल और क्रेस्ट डिजिटेल के माध्यम से भारत में ब्रुकफील्ड का दूरसंचार टॉवर का कारोबार संभालती है। ब्रुकफील्ड ने कहा कि यह अ​धिग्रहण पूरा होने के बाद डीआईटी के राजस्व में और वृद्धि होने के साथ-साथ भारत में मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर के साथ संबंधों में भी विस्तार होने की उम्मीद है।

वर्ष 2007 में शुरू होने के बाद एटीसी इंडिया ने अपना पोर्टफोलियो मजबूत करते हुए पूरे देश में लगभग 78 हजार टावर साइट तैयार कीं। ब्रुकफील्ड के पास भी लगभग 175,000 टावरों से सजा पोर्टफोलियो हैं। उसने 2020 में रिलायंस इंड​स्ट्रियल इन्वेस्टमेंट ऐंड हो​ल्डिंग लिमिटेड से इस कारोबार का अ​धिग्रहण किया था।

रिलायंस जियो ब्रुकफील्ड की प्रमुख ग्राहक है। एटीसी का कारोबार अपनी झोली में डालने के बाद ब्रुकफील्ड का संयुक्त उद्यम 253,000 टावर का होने की उम्मीद है। इस तरह ब्रुकफील्ड का कारोबार मौजूदा समय में इस क्षेत्र की शीर्ष कंपनी इंडस टावर से बड़ा हो जाएगा। सितंबर तिमाही के अनुसार इंडस देशभर में 204,000 टावर साइट का प्रबंधन करती है।

आईसीआरए लिमिटेड के सेक्टर हेड और उपाध्यक्ष अंकित जैन ने कहा कि यह समेकन होना ही था। उपभोक्ता बाजार को देखते हुए केवल तीन ही कंपनियां इस क्षेत्र में कार्यरत थीं। कारोबार बिखरा हुआ होने के कारण टावर उद्योग को इसका फायदा नहीं मिल रहा था। जैन ने कहा कि यह देखना होगा कि आगे बढ़ने के लिए ब्रुकफील्ड अपनी टावर संप​त्तियों को किस प्रकार संभालती है।

इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एटीसी भारत में अपना कारोबार बेचने के लिए 2023 की शुरुआत से ही बातचीत कर रही थी, लेकिन संभावित ग्राहक भविष्य में कंपनी के राजस्व को लेकर चिंतित नजर आ रहे थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि एटीएस इंडिया की सबसे बड़ी ग्राहक कंपनी वोडाफोन-आइडिया (वीआई) संकट के दौर से गुजर रही थी।

एटीएस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिकन टावर वोडाफोन-आइडिया द्वारा जारी वैकल्पिक रूप से परिवर्तित डिबेंचर (ओसीडी) से जुड़े पूर्ण आर्थिक लाभ को बरकरार रखेगा और मौजूदा एटीसी इंडिया प्राप्तियों से संबंधित भविष्य के भुगतान प्राप्ति का हकदार होगा।

First Published - January 5, 2024 | 9:37 PM IST

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