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बिजनेस रेस्पोंसिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट का खुलासा, Workers death को लेकर कितनी जिम्मेदार हैं दिग्गज कंपनियां

Business Responsibility and Sustainability Report के आंकड़ों से पता चलता है कि देश की 29 दिग्गज कंपनियों ने 92 Workers की death होने की बात स्वीकारी।

Last Updated- December 31, 2024 | 11:17 PM IST
manufacturing PMI

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 सूचकांक (Nifty-50 index) में शामिल कंपनियां वित्त वर्ष 2024 में अपने औद्योगिक परिचालन के दौरान मौतों की घटनाओं को रोकने में विफल रहीं। इस दौरान 92 लोगों की जान गई जो पिछले वर्ष दर्ज मौतों से अधिक है। निफ्टी 50 कंपनियों में से (बैंक, वित्तीय सेवाएं और प्रौद्योगिकी कंपनियों को छोड़कर) 29 के ही कार्यस्थल पर मौतों से संबंधित लगातार तीन साल के आंकड़े उपलब्ध हैं।

बिजनेस रेस्पोंसिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट (Business Responsibility and Sustainability Report) के आंकड़ों से पता चलता है कि इन 29 कंपनियों ने 92 मौतों की सूचना दी। इन कर्मियों की मौतें वित्त वर्ष 2024 में अपने व्यावसायिक काम के दौरान एक या ज्यादा हादसों में हुईं। इन आंकड़ों में प्रत्यक्ष और ठेका श्रमिक दोनों शामिल हैं। 2022-23 में इन्हीं 29 फर्मों के यह संख्या 75 थी और 2021-22 (वित्त वर्ष 2022) में 180 थी। वित्त वर्ष 2022 में अधिक संख्या का कारण मुख्य रूप से उस वर्ष तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) में चक्रवात के चलते हुई दुर्घटना में 86 लोगों की जान जाना था।

ईवाई इंडिया (EY India) में क्लाइमेट चेंज ऐंड सस्टेनेबिलिटी सर्विसेज में पार्टनर ओमेश गुप्ता ने कहा, ‘औद्योगिक कार्य स्थलों में परिचालन और परियोजनाओं से जुड़े सुरक्षा जोखिम भारतीय कंपनियों के लिए प्रमुख चुनौती बने हुए हैं। औद्योगिक हादसों की संख्या अभी भी ऊंची बनी हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि कुछ कंपनियों ने लगातार सुधार के लिए मजबूत प्रयास किए हैं। इससे कुछ मामलों में थोड़ी प्रगति हुई है। लेकिन भारत के समूचे कॉरपोरेट जगत को अभी भी काफी प्रगति करनी है और हादसों में किसी की मृत्यु न हो, इस लक्ष्य से उद्योग अभी बहुत दूर है। 29 कंपनियों के हमारे आंकड़े में से 12 ने वित्त वर्ष 2024 में किसी मौत की सूचना नहीं दी। उनमें से, केवल पांच ने तीनों वर्षों में शून्य मौत यानी किसी की जान नहीं जाने की सूचना दी।’

29 फर्मों में से चार कंपनियों – टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ) और कोल इंडिया (Coal India) में वित्त वर्ष 2024 में ऐसी घटनाओं में पांच से ज्यादा लोगों की जान चली गई। ये सभी कंपनियां इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े काम करती हैं। इनमें से कई कंपनियां प्रत्यक्ष और ठेके पर दोनों तरह से बड़ी तादाद में कर्मियों को रखती हैं।

टाटा स्टील (TATA Steel) के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की कम लोस्ट टाइम इंजरी फ्रीक्वेंसी दर 0.28 है जो 0.78 के वैश्विक इस्पात उद्योग औसत से कम है। एपीएसईजेडऔर सीआईएल को इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेशों का जवाब नहीं मिला है।

First Published - December 31, 2024 | 11:11 PM IST

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