हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई एमआरएनए प्रौद्योगिकी आधारित टीका बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ साझेदारी करेगी। यह साझेदारी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हब परियोजना के तहत की गई है।
डब्ल्यूएचओ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हब से एमआरएनए प्रौद्योगिकी के प्राप्तकर्ता के तौर पर भारत से कई प्रस्तावों की जांच के बाद कंपनी का चयन डब्ल्यूएचओ की टीका सुरक्षा विकास सलाहकार समिति (एसीपीडीवी) द्वारा किया गया है।
बायोलॉजिकल ई ने आज कहा कि डब्ल्यूएचओ एवं उनके सहयोगी भारत सरकार और कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि एक रूपरेखा तैयार की जा सके और एमआरएनए आधारित टीके का उत्पादन जल्द से जल्द शुरू करने के लिए बायोलॉजिकल ई को आवश्यक प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान की जा सके।
बयान में कहा गया है, ‘मुख्य तौर पर कोविड-19 के आपातकाल से निपटने के लिए स्थापित डब्ल्यूएचओ एमआरएनए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हब अन्य उत्पादों के लिए विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने में समर्थ है जिसमें उपचार एवं अन्य प्राथमिकताओं को लक्षित किया गया है।’
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हब की घोषणा 21 जून 2021 को की गई थी और इसका उद्देश्य कम एवं मध्यम आय वाले देशों को उत्कृष्टता एवं प्रशिक्षण केंद्र (एमआरएनए टीका प्रौद्योगिकी हब) के जरिये एमआरएनए टीका का उत्पादन करने में समर्थ बनाना है।