भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स को पिछले कुछ वर्षों से काफी ऑर्डर मिलते जा रहे हैं। हाल में इसे एक हजार मेगावाट की नबीनगर थर्मल पावर परियोजना से उपकरणों की आपूर्ति के लिए 2,030 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।
ऐसा अनुमान है कि कंपनी वित्त वर्ष 2008 में अपनी ऑर्डर बुक 15,500 मेगावट से अधिक के ऑर्डर पर बंद करेगी जबकि वित्त वर्ष 2007 में ऑर्डर 9,990 मेगावाट के थे।ऑर्डर में प्रति वर्ष 5-10 प्रतिशत की वृध्दि हो रही है। दिसंबर 2007 के अंत में 78,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे किए जाने थे और अतिरिक्त क्षमताओं का सृजन किया जा रहा है। इससे सुनिश्चित होता है कि परियोजनाओं को पूरी करने की गति तेज रहेगी।
बीएचईएल ने पहले ही अपनी क्षमता बढ़ा कर 10,000 मेगावाट कर ली है और निकट भविष्य में इसे 3,200 करोड़ रुपये के निवेश से बढ़ा कर 15,000 मेगावाट कर दिया जाएगा।वर्ष 2008 की शुरूआत से बीएचईएल के स्टॉक में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है जो सेंसेक्स में आई गिरावट से अधिक है। शेयर मूल्य में आई गिरावट के लिए कुछ हद तक बाजार में आने वाली गिरावट जिम्मेदार है लेकिन एक वजह पूंजीगत खर्च चक्र (कैपेक्स साइकल) में आई मंदी भी है। जनवरी 2008 का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक इसका संकेत देता है।
मंदी आ सकती है लेकिन बीएचईएल अपेक्षाकृत अच्छी स्थिति में है। अनुमान है कि कंपनी वित्त वर्ष 2008 का अंत 21,500 करोड़ रुपये की बिक्री से करेगी जो वित्त वर्ष 2007 की बिक्री से 22 प्रतिशत अधिक है और इसे लगभग 3,000 करोड़ रुपये का शुध्द लाभ होने का अनुमान है।वित्त वर्ष 2009 में कंपनी की बिक्री 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है जबकि शुध्द लाभ लगभग 4,000 करोड़ रुपये होना चाहिए। जिसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2009 में 34 प्रतिशत वृध्दि के साथ 82 रुपये की आय होगी।
बीएचईएल के शेयर का कारोबार 1,824 रुपये पर वित्त वर्ष 2009 की अनुमानित आय के 23 गुना पर किया जा रहा है। पावर सेक्टर के संभावित विकास को देखते हुए इसके शेयर का प्रदर्शन बेहतर होना चाहिए। बीएचईएल की प्रतिस्पर्ध्दी लार्सन ऐंड टुब्रो के शेयर का कारोबार 2,764 रुपये पर किया जा रहा है जो वित्त वर्ष 2009 की अनुमानित आय का 28 गुना है।
एचडीएफसीः भरोसा वृध्दि पर
वर्ष 2008 की शुरुआत से एचडीएफसी बैंक के शेयर की कीमत में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट आई है और वर्तमान में (मंगलवार को) इसकी कीमत 1,232 रुपये है और इस स्तर पर इसका कारोबार वित्त वर्ष 2009 की बुक वैल्यू के केवल तीन गुने पर किया जा रहा है। बैंक के शेयर का कारोबार हमेशा ही बराबरी के बैंकों की तुलना में अधिक पर किया जाता रहा है क्योंकि निवेश इसके साफ-सुथरे बुक से प्रभावित हैं, पिछली 10 तिमाहियों से शुध्द गैर-निष्पादित ऋण 0.5 प्रतिशत से कम के स्तर पर है।
इसके अतिरिक्त, बैंक ने लगातार बेहतर प्रतिफल दिया है जिसका कारण संभवत: इसका संतुलित पोर्टफोलियो है जिसमें कॉर्पोरेट और खुदरा ऋण शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, दिसंबर 2007 की तिमाही में बैंक के शुध्द लाभ में 45 प्रतिशत की वृध्दि दर्ज की, इसमें ऋण बुक में 39 प्रतिशत के जबर्दस्त वृध्दि का भी योगदान था।
ऐसे समय में जब अन्य बैंकों के ऋण विकास में कमी देखी जा रही है एचडीएफसी बैंक ने अपने लोन की हिस्सेदारी पिछले वर्ष की 2.7 प्रतिशत की तुलना 3.3 प्रतिशत कर ली है।शुल्कों से बैंक की होने वाली आय कम हो रही है जिसमें वित्त वर्ष 2008 में बदलाव किया गया था। बीमा प्रीमियम और फंडों की बिक्री में बढाेतरी हो रही है साथ ही चढ़ते शेयर बाजार में डिपोजिटरी शुल्क में भी वृध्दि हो रही है।
ऋण बुक के आक्रामक रुप से बढ़ने के बावजूद बैंक के शुध्द ब्याज मार्जिन में क्रमिक तौर पर 0.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह 4.3 प्रतिशत हो गया है जो आकर्षक है। सेंचुरियन बैंक ऑफ पंजाब की खरीदारी से इसकी पहुंच बढ़ेगी और इस संयुक्त इकाई में तेजी से विकास होगा। ऐसा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2008 में बैंक को होने वाला शुध्द लाभ लगभग 1,600 करोड़ रुपये का होगा जो वित्त वर्ष 2009 में 2,100 करोड़ रुपये हो सकता है।